“खारिज दस्तावेजों को लेकर अधिवक्ताओं में उबाल, फतेहपुर बार एसोसिएशन की तीन दिन की हड़ताल”

फतेहपुर बार एसोसिएशन की तीन दिन की हड़ताल”

📍 फतेहपुर (बाराबंकी), 07 जुलाई।
तहसील न्यायालयों में हजारों पत्रावलियों के खारिज किए जाने को लेकर अधिवक्ताओं में भारी आक्रोश है। इसी को लेकर फतेहपुर बार एसोसिएशन ने आगामी तीन दिनों तक न्यायिक कार्य से विरत रहने का ऐलान किया है। यह निर्णय सोमवार को बार संघ की आमसभा की बैठक में लिया गया, जिसकी अध्यक्षता बार संघ अध्यक्ष राजेन्द्र प्रसाद वर्मा ने की।

राजेन्द्र वर्मा ने घोषणा करते हुए कहा कि, “हम तहसील प्रशासन को तीन दिन का समय दे रहे हैं कि सभी खारिज की गई पत्रावलियाँ संबंधित न्यायालयों पर उपलब्ध कराएं, अन्यथा आंदोलन को आगे बढ़ाया जाएगा।”

आक्रोश का कारण यह है कि तहसीलदार न्यायालय, तहसीलदार (न्यायिक), नायब तहसीलदार बिशुनपुर, कुर्सी और फतेहपुर में लगभग दो से ढाई हजार पत्रावलियाँ खारिज की जा चुकी हैं। हालांकि तहसील प्रशासन द्वारा अभी तक लगभग 600 पत्रावलियों की ही सूची बार संघ को सौंपी गई है, जिससे अधिवक्ताओं में असंतोष और बढ़ गया है।

बैठक में उपस्थित प्रमुख अधिवक्ताओं में वरिष्ठ अधिवक्ता हरिनाम सिंह ने बताया कि उनकी 150 से अधिक पत्रावलियाँ खारिज कर दी गईं। वहीं श्रवण कुमार वर्मा ने कहा कि खारिज की गई पत्रावलियों की संख्या 2000 से 2500 के बीच हो सकती है। उन्होंने कहा कि वर्ष 2022, 2023 और 2024 में की गई कार्यवाहियों की फाइलें खोजने पर भी नहीं मिल रही हैं।

इस मुद्दे पर अधिवक्ताओं का मत था कि जब तक सभी दस्तावेज न्यायालय में वापस नहीं लाए जाते, तब तक न्यायिक कार्य से विरत रहना ज़रूरी है। आमसभा में राजीव नयन तिवारी, प्रदीप कुमार निगम, बब्बू दीक्षित, अलीउद्दीन शेख, पौरुष श्रीवास्तव, गणेश शंकर मिश्रा, हरीश मौर्य, अनीत रावत, रामऔतार गौतम, शशेन्द्र श्रीवास्तव, ओमप्रकाश यादव सहित अन्य अधिवक्ताओं ने अपने विचार रखे।

इस दौरान उपस्थित अन्य अधिवक्ताओं में रमेशचंद्र रावत, प्रिंस वर्मा, धर्मेन्द्र कुमार श्रीवास्तव, मदन मोहन मिश्रा, प्रवीण कुमार पटेल, सर्वेश श्रीवास्तव, संजय सिंह नम्बरदार, एस.पी. सिंह, अवधेश सिंह, रंगनाथ त्रिपाठी, बृजेश मिश्रा, अशोक यादव, मनोज मौर्या आदि शामिल रहे।