लखनऊ अब सिर्फ नवाबी नहीं, टेक्नोलॉजी में भी टॉप क्लास होगा!

लखनऊ। राजधानी में अब विकास की तस्वीर पहले से कहीं अधिक आधुनिक और योजनाबद्ध होने जा रही है। लखनऊ विकास प्राधिकरण (एलडीए) की 185वीं बोर्ड बैठक में शहर के सर्वांगीण विकास को लेकर कई महत्वपूर्ण प्रस्तावों को मंजूरी दी गई। बैठक की अध्यक्षता मंडलायुक्त और एलडीए अध्यक्ष डॉ. रोशन जैकब ने की, जिसमें शहर के बुनियादी ढांचे, आवासीय योजनाओं और स्मार्ट सिटी की दिशा में ठोस निर्णय लिए गए।

बैठक में गोमती नगर, गोमती नगर विस्तार, ऐशबाग और बसंतकुंज जैसे प्रमुख क्षेत्रों में हाईटेक ग्रुप हाउसिंग प्रोजेक्ट्स को हरी झंडी दी गई। ये फ्लैट्स सिर्फ रहने की जगह नहीं होंगे, बल्कि एक संपूर्ण जीवनशैली प्रदान करेंगे, जिनमें जिम, योगा सेंटर, स्वीमिंग पूल, ग्रीन एरिया, क्लब हाउस और बच्चों के लिए प्ले जोन जैसी सुविधाएं उपलब्ध कराई जाएंगी।

एलडीए उपाध्यक्ष प्रथमेश कुमार ने बताया कि इन चार योजनाओं में 1,100 से अधिक फ्लैट्स बनाए जाएंगे, जिनमें 3 बीएचके (स्टडी), 3 बीएचके और 2 बीएचके (स्टडी) शामिल होंगे। इन फ्लैट्स के लिए ऑनलाइन डिमांड सर्वे पूरा हो चुका है, जिससे लोगों की आवश्यकताओं के अनुरूप डिजाइन तय किए गए हैं।

बसंतकुंज योजना में ई-ऑटो चार्जिंग स्टेशन की स्थापना का भी निर्णय हुआ है, जो प्रधानमंत्री आवास कॉलोनी के पास 1,000 वर्गमीटर भूमि पर विकसित किया जाएगा। यह भूमि सिटी ट्रांसपोर्ट सर्विसेज लिमिटेड को मात्र ₹1 टोकन मनी पर पांच वर्षों के लिए लीज पर दी जाएगी। यह पहल लखनऊ को हरित और पर्यावरण-अनुकूल बनाने की दिशा में महत्वपूर्ण मानी जा रही है।

इसके साथ ही देवपुर पारा स्थित प्रसून विहार में 1,832 बहुमंजिला आवासीय इकाइयों का निर्माण कार्य तेज़ी से जारी है। ये इमारतें आधुनिक लिफ्ट, फायर सेफ्टी सिस्टम, डीजी सेट्स और सुंदर बाहरी सौंदर्य के साथ होंगी। इनमें 1 बीएचके और 2 बीएचके अफोर्डेबल हाउसिंग के तहत आवास उपलब्ध कराए जाएंगे, जिनका पंजीकरण भी शीघ्र शुरू होगा।

बैठक में “न्यू बिल्डिंग बायलॉज एंड जोनिंग रेग्युलेशन–2025” को भी मंजूरी दी गई, जिससे लखनऊ में अब गगनचुंबी इमारतों के निर्माण का रास्ता साफ हो गया है। इससे शहरी घनत्व बढ़ने के साथ-साथ आधुनिक निर्माण तकनीकों को बढ़ावा मिलेगा।

वरुण विहार और नैमिष नगर जैसी नई योजनाओं को स्वीकृति दी गई है, जिससे आगरा एक्सप्रेसवे और सीतापुर रोड क्षेत्रों में शहर का विस्तार सुनियोजित ढंग से होगा। इन क्षेत्रों में भू-अधिग्रहण प्रक्रिया को पारदर्शी और सहभागिता-आधारित बनाने के लिए एक विशेष एसओपी (Standard Operating Procedure) भी निर्धारित किया गया है।

चारबाग बस टर्मिनल को पीपीपी मॉडल के तहत विकसित करने की योजना को भी बैठक में सहमति मिली। इसके लिए यूपीएसआरटीसी को दी गई भूमि पर 30 मीटर चौड़े रोड के प्रस्ताव को शासन को भेजा जाएगा, ताकि परियोजना पर जल्द काम शुरू हो सके।

बैठक में अन्य निर्णयों में मंडी परिषद को दी गई भूमि का पुनर्मूल्यांकन, विवादग्रस्त भूखंडों का समाधान, यूनिटेक लिमिटेड से अनुबंध समाप्त करना, और ईडब्ल्यूएस/आश्रयहीन वर्ग को वैकल्पिक योजनाओं में समायोजित करने के निर्णय शामिल हैं। खास बात यह रही कि अब ऐसे लाभार्थियों के स्टांप शुल्क व कोर्ट फीस की भरपाई एलडीए द्वारा की जाएगी।

इस अहम बैठक में उपाध्यक्ष प्रथमेश कुमार, सचिव विवेक श्रीवास्तव, अपर सचिव ज्ञानेन्द्र वर्मा, वित्त नियंत्रक दीपक सिंह, मुख्य अभियंता नवनीत शर्मा, मुख्य नगर नियोजक के.के. गौतम, और अन्य बोर्ड सदस्य एवं विभागीय अधिकारी उपस्थित रहे।