अमर भारती : फेरी लगाकर चप्पल बेचने वाले हरियाणा निवासी 36 वर्षीय युवक अंतर्राज्यीय बस अड्डा के पास स्थित एक लॉज में फांसी लगाकर खुदकुशी कर लिया। मृतक बीते 18 मार्च को अंबिकापुर अपने 15-16 साथियों के साथ चप्पल बेचने के लिए आया था। वे यहां से निकल पाते इसके पहले शहर में धारा 144 के साथ लॉकडाउन की स्थिति बन गई। पहले चरण के लॉकडाउन के बाद दूसरे चरण में शुरू हुए लॉकडाउन ने उसे विचलित कर दिया था। जानकारी के मुताबिक नारायरा, पानीपत हरियाणा का राकेश कुमार पिता राजेंद्र कुमार 36 वर्ष बीते 18 मार्च को अंबिकापुर अपने अन्य साथियों के साथ चप्पल, जूता का फेरी लगाने के लिए आया था।
यहां आने के बाद सभी अंतरराज्यीय बस अड्डे के पास स्थित श्याम लॉज में रुके थे। ये फेरी लगाते, इसके पहले शहर में 19 मार्च से धारा 144 प्रभावी हो गया। 22 मार्च को जनता कर्फ्यू के बाद 24 मार्च से लॉकडाउन की स्थिति निर्मित हो गई, जिससे वाहनों का आनाजाना पूरी तरह से बंद हो गया। ऐसे में ये अपने घर भी वापस नहीं लौट पाए। दो-चार दिन फेरी लगाने में कुछ रुपये इनके हाथ लगा, जो लगभग एक माह के अंतराल में खत्म हो गया था। प्रशासन की पहल पर इन्हें भोजन तो मिल रहा था, लेकिन घर में छाई तंगहाली को लेकर सभी परेशान थे। शुक्रवार-शनिवार की दरम्यानी रात राकेश लॉज के छत पर कुर्सी के सहारे फांसी पर लटक खुदकुशी कर लिया। घटना की सूचना मिलने पर कोतवाली पुलिस मौके पर पहुंची और विवेचना, कार्रवाई में जुटी थी। इसकी सूचना मृतक के हरियाणा में रहने वाले परिवार के सदस्यों को दी गई है, लेकिन लॉकडाउन के कारण वे भी यहां आने में असमर्थ हैं।