“गंगा-गुरूकुलम् में शिक्षा का महाकुंभ: लोकमणिलाल एवं दयाकान्ति देवी सम्मान समारोह में निखरी गुरु–शिष्य परंपरा की चमक”

प्रयागराज। पतंजलि ग्रुप ऑफ स्कूल्स के फाफामऊ स्थित गंगा-गुरूकुलम् विद्यालय के विवेकानन्द सभागार में रविवार को शिक्षा क्षेत्र के प्रख्यात सम्मान—लोकमणिलाल एवं दयाकान्ति देवी पुरस्कार 2025—का भव्य आयोजन हुआ। यह प्रतिष्ठित सम्मान उन शिक्षकों को प्रदान किया जाता है, जिन्होंने अपने समर्पित और अनुकरणीय कार्यों से शिक्षा में अमूल्य योगदान दिया है तथा विद्यार्थियों के हितार्थ सदैव तत्पर रहते हैं।

समारोह का उद्देश्य उन शिक्षकों को सम्मानित करना था, जिन्होंने शिक्षा को राष्ट्रनिर्माण का माध्यम मानकर जीवन पर्यन्त उल्लेखनीय कार्य किए। लोकमणिलाल पुरस्कार देशभर के उन शिक्षकों को प्रदान किया जाता है, जिन्होंने शिक्षा की अलख जगाने में निरंतर योगदान दिया है। यह पुरस्कार पाँच श्रेणियों—जीवन पर्यन्त योगदान, प्राथमिक, माध्यमिक, उच्च कक्षाओं में उत्कृष्ट शिक्षण तथा आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग के छात्रों के लिए किए गए विशेष कार्य—के अंतर्गत दिया गया।

दयाकान्ति देवी पुरस्कार महर्षि पतंजलि समूह के विद्यालयों में कार्यरत उन शिक्षकों को दिया जाता है, जिन्होंने शिक्षण की गुणवत्ता और मूल्य आधारित शिक्षा के क्षेत्र में उत्कृष्ट योगदान दिया है।

समारोह दो सत्रों में आयोजित हुआ—प्रथम सत्र 2 बजे तथा द्वितीय सत्र 3:45 बजे। कार्यक्रम का प्रारंभ मंगल ध्वनि और दीप प्रज्ज्वलन से हुआ। गंगा-गुरूकुलम् के छात्रों ने पुस्तक पर आधारित संगीतमय समूहगान प्रस्तुत किया। द्वितीय सत्र में महर्षि पतंजलि विद्यालय के शिक्षक शिव शंकर ने गुरुवंदना प्रस्तुत की। इसके पश्चात छात्रों द्वारा गणेश वंदना नृत्य और पतंजलि ऋषिकुल के छात्रों द्वारा ‘दशावतार’ नृत्य की प्रस्तुति दी गई। गंगा-गुरूकुलम् के छात्रों द्वारा गुरु–शिष्य संबंध पर आधारित माइम प्रस्तुति ने सभी को प्रभावित किया।

कार्यक्रम के मुख्य अतिथि परमार्थ निकेतन, ऋषिकेश के अध्यक्ष चिदानन्द सरस्वती, तथा विशिष्ट अतिथि सीबीएसई प्रयागराज के रीजनल ऑफिसर अनिल कुमार जैन थे।
पतंजलि समूह की सचिव प्रो. कृष्णा गुप्ता ने स्वागत भाषण देते हुए कहा कि शिक्षक ज्ञानदाता, चरित्र निर्माता और राष्ट्रनिर्माता होते हैं, इसलिए उनका सम्मान करना हमारा कर्तव्य है।

मुख्य अतिथि चिदानन्द सरस्वती ने पुरस्कार विजेताओं को आशीर्वाद देते हुए इस आयोजन को प्रेरणादायक बताया। विशिष्ट अतिथि अनिल कुमार जैन ने पुरस्कार प्राप्त शिक्षकों को बधाई देते हुए इस आयोजन को गौरवपूर्ण क्षण बताया।

पुरस्कार प्राप्त करने वाले शिक्षक-शिक्षिकाएं (सभी नाम बिना ‘श्री/श्रीमती/मिस’ के):

महर्षि पतंजलि विद्या मंदिर – अल्पना डे, प्रधानाचार्या

पतंजलि ऋषिकुल – नित्यानन्द सिंह, प्रधानाचार्य

महर्षि पतंजलि विद्या मंदिर – प्रवीण गुणे, पीजीटी (मैथ्स)

महर्षि पतंजलि विद्या मंदिर – अनीता गुप्ता, पीआरटी

गंगा-गुरूकुलम् – सुजला चक्रवर्ती, टीजीटी (सोशल साइंस)

गंगा-गुरूकुलम् – शालिनी सिंह, टीजीटी (कंप्यूटर साइंस)

पतंजलि ऋषिकुल – सौरभ अग्रवाल, सीनियर कोऑर्डिनेटर

पतंजलि ऋषिकुल – विजया त्रिपाठी, पीआरटी

पतंजलि नर्सरी स्कूल – ऋचा यादव, प्री-प्राइमरी टीचर

महिला स्वावलंबन प्रशिक्षण केंद्र – गीता श्रीवास्तव, कोऑर्डिनेटर

बाल गुरूकुलम् – त्रिभुवन सिंह, कोऑर्डिनेटर

धन्यवाद ज्ञापन पुरस्कार निदेशक यशोवर्धन ने किया।
कार्यक्रम में पतंजलि समूह के कोषाध्यक्ष रवीन्द्र गुप्ता, रेखा बैद, गंगा-गुरूकुलम् की प्रधानाचार्या माधुरी श्रीवास्तव, पतंजलि ऋषिकुल के प्रधानाचार्य नित्यानन्द सिंह, पतंजलि नर्सरी स्कूल की प्रधानाध्यापिका विभा श्रीवास्तव, विभिन्न प्रदेशों से आए शिक्षाविद एवं प्रयागराज के गणमान्यजन उपस्थित रहे।

पूरा समारोह गुरु-भक्ति, शिक्षा-संस्कार और सम्मान की भावना से ओतप्रोत रहा।