Notice: Function _load_textdomain_just_in_time was called incorrectly. Translation loading for the wp-statistics domain was triggered too early. This is usually an indicator for some code in the plugin or theme running too early. Translations should be loaded at the init action or later. Please see Debugging in WordPress for more information. (This message was added in version 6.7.0.) in /home/ekumjjfz/amarbharti.com/wp-includes/functions.php on line 6114

Notice: Function _load_textdomain_just_in_time was called incorrectly. Translation loading for the updraftplus domain was triggered too early. This is usually an indicator for some code in the plugin or theme running too early. Translations should be loaded at the init action or later. Please see Debugging in WordPress for more information. (This message was added in version 6.7.0.) in /home/ekumjjfz/amarbharti.com/wp-includes/functions.php on line 6114

Notice: Function _load_textdomain_just_in_time was called incorrectly. Translation loading for the wordpress-seo domain was triggered too early. This is usually an indicator for some code in the plugin or theme running too early. Translations should be loaded at the init action or later. Please see Debugging in WordPress for more information. (This message was added in version 6.7.0.) in /home/ekumjjfz/amarbharti.com/wp-includes/functions.php on line 6114
लवलिना ने सेमीफाइनल में बनाई जगह, ओलंपिक में भारत का मेडल पक्का- Amar Bharti Media Group खेल, अन्तर्राष्ट्रीय

लवलिना ने सेमीफाइनल में बनाई जगह, ओलंपिक में भारत का मेडल पक्का

नई दिल्ली। ओलंपिक में पदक हासिल करने को लेकर भारतीयों की सोई हुई उम्मीदें एक बार फिर जाग चुकी है और इसके पीछे का कारण है लवलिना बोरगोहाईं। भारतीय महिला मुक्केबाज लवलिना बोरगोहाईं ने जारी तोक्यो ओलंपिक खेलों में इतिहास रचते हुए मुक्केबाजी में शुक्रवार सुबह भारत के लिए पदक सुनिश्चित कर दिया। मतलब कांस्य आना पक्का हो गया। अब देखना यह है कि लवलिना इस पदक को स्वर्ण या रजत में तब्दील कर पाती हैं या नहीं।

किक बॉक्सिंग से बॉक्सिंग तक का सफर

भारत के छोटे गाँवों-कस्बों से आने वाले कई दूसरे खिलाड़ियों की तरह ही 23 साल की लवलीना ने भी कई आर्थिक दिक्कतों के बावजूद ओलंपिक तक का रास्ता तय किया है।असम के गोलाघाट जिले की रहने वाली लवलिना ओलिंपिक में भाग लेने वाली असम की पहली महिला खिलाड़ी हैं। लवलिना बॉक्सिंग में आने से पहले किक बॉक्सिंग करती थीं। वे किक बॉक्सिंग में नेशनल लेवल पर मेडल जीत चुकी हैं। लवलिना ने अपनी जुड़वा बहनों लीचा और लीमा को देखकर किक बॉक्सिंग करना शुरू किया था। स्पोर्ट्स अथॉरिटी ऑफ इंडिया के असम रीजनल सेंटर में सिलेक्शन होने के बाद वे बॉक्सिंग की ट्रेनिंग लेने लगी थीं। उनकी दोनों बहनें भी किक बॉक्सिंग में नेशनल स्तर पर मेडल जीत चुकी हैं।

ओलंपिक से पहले मां की सर्जरी

ओलंपिक के पहले के कुछ महीने लवनिया के काफी कठिन थे। ओलंपिक से पहले ही लवलीना की मां की सर्जरी होनी थी। जहाँ हर कोई ट्रेनिंग में जुटा था वहीं लवलीना की माँ का किडनी ट्रांसप्लांट होना था और वे माँ के साथ थीं, बॉक्सिंग से दूर। सर्जरी के बाद ही लवलीना वापस ट्रेनिंग के लिए गईं। इसके बाद कोरोना की दूसरी लहर के कारण उन्हें लंबे समय तक अपने कमरे में ही ट्रेनिंग करनी पड़ी क्योंकि कोचिंग स्टाफ़ के कुछ लोग संक्रमित थे। तब उन्होंने वीडियो के ज़रिए ट्रेनिंग जारी रखी। तो राह में दिक्कतें तो कई थीं लेकिन लवलीना ने एक-एक कर सबको पार किया।

पहले मणिपुर की मीराबाई ने भारत को मेडल दिलाया तो अब पूर्वोत्तर की लवलीना ने भारत के लिए एक मेडल पक्का कर लिया है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *