फाइनल्स से एक कदम दूर सेमीफाइनल्स में हारीं
नई दिल्ली। स्वर्ण पदक की अपनी रेस में मंगलवार को लवलीना बोरगोहाईं वर्ल्ड चैंपियन तुर्की की बुसेनाज सुरमेनेली के खिलाफ सेमीफाइनल का मुकाबला हार गई है। इसी के साथ ही वह अपनी स्वर्ण पदक हासिल करने की रेस से बाहर हो गई है। लवलीना को 0-5 से शिकस्त मिली। उन्हें कांस्य पदक से ही संतुष्ट होना पड़ेगा। लवलीना भले ही हार गई हों, लेकिन उन्होंने अपने मुक्के से भारत बॉक्सिंग में इतिहास रचा है। बॉक्सिंग में भारत के लिए ओलंपिक मेडल लाने वाली वह तीसरी खिलाड़ी बन चुकी हैं।
वर्ल्ड चैंपियन बुसेनाज और लवलीना पहली बार आमने-सामने
लवलिना और बुसेनाज के बीच अब तक कोई बाउट नहीं हुई थी। बुधवार को इनके बीच पहली भिड़ंत हुई थी। बुसेनाज ने क्वार्टर फाइनल में यूक्रेन की अन्ना लाइसेंको को 5-0 के एकतरफा अंदाज में हराया था। लवलिना ने क्वार्टर फाइनल में चाइनीज ताइपे की चिन चेन को हराया था। चेन भी पूर्व वर्ल्ड चैंपियन रह चुकी हैं। खास बात यह है कि लवलिना ओलंपिक से पहले चीन के खिलाफ चार मुकाबले हार चुकी थीं।
9 साल बाद मिला बॉक्सिंग में मेडल
ओलंपिक में भारत को 9 साल बाद बॉक्सिंग में मेडल मिला है। इससे पहले 2012 लंडन ओलंपिक में मैरी कॉम भारत के लिए बॉक्सिंग में ओलंपिक मेडल ले कर आईं थी। अब कांस्य पदक जीत कर लवलीना ने भारत की विरासत को आगे बढ़ाया है।
अपना पहला ओलंपिक्स खेल रहीं थी लवलीना
पहली बार ओलंपिक में भाग ले रही लवलीना बोरगहाईं ने अपने ओलंपिक अभियान का शानदार आगाज किया था। 27 जुलाई को लवलीना ने अपने पहले मुकाबले में जर्मनी की नेदिन एपट्स को हराकर क्वार्टर फाइनल में जगह बनाई थी। उसके बाद क्वार्टर फाइनल में लवलीना ने चीनी ताइपे की निएन चिन चेन को 4-1 से शिकस्त दी थी। इसी के साथ उन्होंने कांस्य पदक को पक्का कर लिया था।
लेकिन आज लवलीना सेमीफाइनल में वर्ल्ड की मौजूदा बॉक्सिंग चैंपियन से हार गई, जिसके साथ कांस्य पदक को स्वर्ण या रजत पदक में बदलने का उनका सपना टूट गया।