
चौक, डालीगंज और पीर बुखारा में भरा पानी, सहादतगंज में मकान गिरा, बड़ा हादसा टला
लखनऊ। राजधानी लखनऊ में सोमवार की सुबह से जारी मूसलाधार बारिश ने एक ओर जहां मौसम को सुहाना बना दिया, वहीं दूसरी ओर शहर के पुराने और संवेदनशील इलाकों में परेशानियों का अंबार खड़ा कर दिया। चौक, डालीगंज, मूंगफली मंडी और पीर बुखारा जैसे इलाकों में जलभराव की स्थिति बन गई, तो सहादतगंज थाना क्षेत्र में बारिश के बाद एक जर्जर मकान भरभरा कर गिर गया। गनीमत रही कि इसमें कोई जनहानि नहीं हुई।

पुराने लखनऊ में भरा पानी, यातायात प्रभावित
चौक के पीर बुखारा मोहल्ले में सड़कें जलमग्न हो गईं। डालीगंज छत्ता और मूंगफली मंडी के पास बारिश का पानी इतना भर गया कि कई दोपहिया वाहन बंद हो गए और राहगीरों को कीचड़ में फिसलते हुए गुजरना पड़ा। जलभराव के चलते डालीगंज पुल के पास भयंकर ट्रैफिक जाम लगा रहा, जिससे स्कूली बच्चों और दफ्तर जाने वालों को भारी मुश्किलों का सामना करना पड़ा।
जर्जर मकान गिरा, दीवार दूसरे घर पर अटकी
बारिश के कारण सहादतगंज थाना क्षेत्र स्थित गिरधारी स्कूल के पास एक पुराना और जर्जर मकान दो हिस्सों में बंटकर गिर गया। मकान का एक हिस्सा टूटकर पास ही बने दूसरे मकान की दीवार पर अटक गया। यह देखकर आस-पास के लोगों में अफरा-तफरी मच गई और आनन-फानन में सभी लोग अपने घरों से बाहर निकल आए। गनीमत रही कि जिस समय यह हादसा हुआ, उस वक्त मकान में रहने वाले सभी लोग सुरक्षित बाहर निकल गए, जिससे एक बड़ा हादसा टल गया।

स्थानीय लोगों का कहना है कि इस जर्जर मकान को लेकर कई बार नगर निगम में शिकायत की जा चुकी थी, लेकिन निगम की ओर से कोई कार्यवाही नहीं की गई। आज यह दीवार अगर पूरी तरह से गिर जाती तो आसपास के मकानों को भी गंभीर नुकसान पहुंच सकता था। अभी तक मौके पर न नगर निगम की टीम पहुंची है और न ही कोई राहत कार्य शुरू किया गया है।
प्रशासन की लापरवाही पर सवाल
मौसम विभाग ने जहां अगले 24 घंटे में और बारिश का अलर्ट जारी किया है, वहीं लखनऊ नगर निगम की उदासीनता एक बार फिर सामने आई है। जलभराव, ट्रैफिक जाम और जर्जर भवनों को लेकर कोई ठोस इंतजाम नहीं किए गए हैं। लोगों ने प्रशासन से मांग की है कि तत्काल प्रभाव से नगर निगम की टीमों को सक्रिय किया जाए और जर्जर इमारतों को गिराकर जनहानि की संभावना को रोका जाए।

लखनऊ का मौसम भले ही सुहावना हो गया हो, लेकिन बारिश ने शहर की कमजोर बुनियादी ढांचे की पोल खोल दी है। जलभराव से जूझते इलाके और गिरते मकान इस बात का प्रमाण हैं कि मानसून से पहले नगर निगम ने कोई तैयारी नहीं की। यदि समय रहते सतर्कता न बरती गई तो आने वाले दिनों में और गंभीर हालात उत्पन्न हो सकते हैं।