लखनऊ। यूपी के पूर्व खनन मंत्री और समाजवादी पार्टी के वरिष्ठ नेता गायत्री प्रसाद प्रजापति पर लखनऊ जेल में सोमवार को हमला हुआ। प्रारंभिक जानकारी के अनुसार, जेल में सफाई ड्यूटी कर रहे एक बंदी और प्रजापति के बीच विवाद के बाद यह घटना घटी। जेल प्रशासन ने बताया कि प्रजापति को सिर पर चोट लगी है, लेकिन उनकी स्थिति फिलहाल खतरे से बाहर है।
जेल सूत्रों के अनुसार, मामला तब शुरू हुआ जब बंदी अपनी सफाई ड्यूटी कर रहा था। इसी दौरान प्रजापति और बंदी के बीच किसी बात को लेकर कहासुनी हो गई। आरोप है कि विवाद बढ़ने के बाद बंदी ने प्रजापति पर हमला किया। शुरुआती खबरों में यह दावा किया गया कि बंदी ने कैंची से वार किया, लेकिन जेल प्रशासन ने इसे खारिज किया है। अधिकारियों का कहना है कि झगड़े में प्रजापति को चोट लगी है, लेकिन कैंची से हमला करने की बात सही नहीं है।
घटना के तुरंत बाद जेल प्रशासन ने आरोपी बंदी को हिरासत में ले लिया और उससे पूछताछ शुरू कर दी। यह कार्रवाई यह सुनिश्चित करने के लिए की गई कि घटना के पीछे के कारणों और घटनाक्रम का सही पता लगाया जा सके। जेल अधिकारियों ने कहा कि सुरक्षा व्यवस्था को और सख्त किया गया है और सभी संवेदनशील कैदियों की निगरानी बढ़ा दी गई है।
गायत्री प्रसाद प्रजापति पहले से ही संवेदनशील कैदी माने जाते हैं। उनके खिलाफ गंभीर आरोपों में सजा हो चुकी है और जेल के अंदर उनके रखरखाव को लेकर विशेष सुरक्षा व्यवस्था लागू है। इस घटना ने जेल प्रशासन और कैदियों के बीच बढ़ते तनाव पर सवाल खड़े कर दिए हैं।
जेल अस्पताल में प्रजापति का इलाज जारी है। डॉक्टरों का कहना है कि सिर पर लगी चोट गंभीर नहीं है और फिलहाल उनकी स्थिति स्थिर है। जेल अधिकारियों ने बताया कि मामले की जांच जारी है और आरोपित बंदी से विस्तृत पूछताछ की जा रही है।
इस घटना ने राजनीतिक और प्रशासनिक हलकों में भी चर्चा पैदा कर दी है। जेल में इस तरह की घटनाओं के होने से सुरक्षा व्यवस्था और कैदियों के प्रबंधन पर सवाल उठते हैं। वहीं, समाजवादी पार्टी प्रवक्ता फकरुल हसन चांद ने इस मामले पर चिंता व्यक्त की है और कहा है कि वरिष्ठ नेताओं की सुरक्षा सुनिश्चित करना प्रशासन की जिम्मेदारी है।
जेल सूत्रों ने बताया कि भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए निगरानी बढ़ाई जाएगी और संवेदनशील कैदियों के लिए अलग प्रबंधन नीति लागू की जा सकती है।
खबर अपडेट हो रही है और अधिक जानकारी प्राप्त होने पर इसमें संशोधन किया जाएगा।