बहराइच डूबा भरोसे के साथ: नाला सफाई में लाखों खर्च, फिर भी बारिश में बेहाल शहर

बहराइच डूबा भरोसे के साथ

बहराइच नगर पालिका द्वारा नाला सफाई के नाम पर लाखों रुपये खर्च किए गए, लेकिन एक दिन की बारिश ने नगर प्रशासन के तमाम दावों की पोल खोल कर रख दी। शहर की मुख्य सड़कों से लेकर तंग गलियों तक हर ओर पानी ही पानी नजर आया। स्थानीय लोगों को भारी जलभराव के बीच रोजमर्रा की जिंदगी को पटरी पर लाना मुश्किल हो गया।

विकास कार्यों की झूठी तस्वीरें सोशल मीडिया पर खूब चमकीं, लेकिन हकीकत की तस्वीरें बारिश के साथ सड़कों पर उतर आईं। नालों की सफाई सिर्फ कागजों पर हुई या फिर अधूरी योजनाओं की भेंट चढ़ गई , ये सवाल अब हर नागरिक की जुबान पर है।

एक पार्टी, फिर भी समाधान नहीं

चौंकाने वाली बात यह है कि नगर पालिका अध्यक्ष से लेकर स्थानीय सांसद तक एक ही राजनीतिक पार्टी से संबंध रखते हैं। फिर भी शहर की वर्षों पुरानी समस्याएं जस की तस बनी हुई हैं। जनता का कहना है कि जब शासन से लेकर प्रशासन तक एक ही पार्टी के लोग सत्ता में हैं, तो फिर विकास कार्यों में यह लापरवाही क्यों?

स्थानीय व्यापारी ने नाराजगी जताते हुए कहा,
“हर बार चुनाव से पहले वादे होते हैं,नाला सफाई, जल निकासी, सड़क सुधार। लेकिन चुनाव जीतने के बाद सब भूल जाते हैं। ये सब दिखावटी काम हैं, असल में तो हालात बद से बदतर होते जा रहे हैं।”

जनता बेहाल, जिम्मेदार खामोश

बारिश के बाद शहर के घंटाघर, दरगाह रोड, कलेक्ट्रेट मार्ग, नानपारा रोड जैसे मुख्य मार्ग जलमग्न हो गए। कई घरों और दुकानों में पानी घुस गया, जिससे भारी नुकसान हुआ। नगर पालिका के कर्मचारी मौके से नदारद रहे और कोई आपात व्यवस्था भी सक्रिय नजर नहीं आई।

समाजसेवी रेखा शुक्ला ने कहा,
“हर साल नाला सफाई के नाम पर करोड़ों खर्च होते हैं, लेकिन आज तक स्थायी समाधान नहीं मिला। ये भ्रष्टाचार की बू नहीं, तो और क्या है?”

क्या होगी जांच या फिर अगला बहाना?

अब बहराइच की जनता मांग कर रही है कि नाला सफाई कार्यों की उच्च स्तरीय जांच हो और जो अधिकारी, ठेकेदार या जनप्रतिनिधि लापरवाही के दोषी पाए जाएं, उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाए।

बहराइच में सिर्फ नालों की नहीं, बल्कि सिस्टम की सफाई की जरूरत है। एक पार्टी की सरकार होने के बावजूद, जब जनता जलभराव में डूबी मिले, तो यह सिर्फ प्रशासनिक विफलता नहीं, बल्कि लोकतंत्र के प्रति बेपरवाही है। जनता अब सिर्फ जवाब नहीं, बदलाव चाहती है।