
लखनऊ, उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ अपनी तहज़ीब, इतिहास और विरासत के लिए देश-दुनिया में प्रसिद्ध है। अब इसी गौरवशाली पहचान को नई ऊंचाई देने के लिए उत्तर प्रदेश पर्यटन विभाग ने ऐतिहासिक रेजीडेंसी परिसर में भव्य लाइट एंड साउंड शो की शुरुआत की है। इस शो का उद्देश्य न केवल लखनऊ की सांस्कृतिक धरोहर को जीवंत करना है, बल्कि इसे राज्य के सांस्कृतिक पर्यटन के नए केंद्र के रूप में विकसित करना भी है।
पर्यटन एवं संस्कृति मंत्री जयवीर सिंह ने बताया कि यह शो दर्शकों को उस दौर में ले जाता है, जब 1857 का प्रथम स्वतंत्रता संग्राम अपने चरम पर था। रेजीडेंसी की दीवारें, जो आज भी तोपों और गोलियों के निशान अपने भीतर समेटे हैं, इस प्रस्तुति में इतिहास के सजीव पात्र बन जाती हैं। उन्होंने कहा कि इस शो के माध्यम से दर्शक न केवल लखनऊ के गौरवशाली अतीत से परिचित होंगे, बल्कि स्वतंत्रता सेनानियों के बलिदान, साहस और देशप्रेम की भावना को भी महसूस करेंगे।
जयवीर सिंह ने बताया,
“लाइट एंड साउंड शो के जरिए दर्शक इतिहास को केवल सुनेंगे नहीं, बल्कि देखेंगे और महसूस करेंगे। यह शो हमारे बच्चों और युवाओं के लिए विशेष रूप से प्रेरणादायक रहेगा। हमारा उद्देश्य है कि हर व्यक्ति रेजीडेंसी आए और यहां के इतिहास से आत्मीय जुड़ाव महसूस करे।”
शो में लखनऊ की धरोहर, पारंपरिक खानपान, क्रांतिकारी घटनाएं, और ब्रिटिश काल के ऐतिहासिक प्रसंग अत्याधुनिक लाइटिंग और साउंड इफेक्ट्स के साथ प्रस्तुत किए गए हैं। यह प्रस्तुति आगंतुकों को ऐसा अनुभव कराती है मानो वे 19वीं सदी के उस संघर्षमय काल का हिस्सा हों।
पर्यटन विभाग के अधिकारियों ने बताया कि फिलहाल इस शो का आयोजन प्रतिदिन शाम 6 बजे से किया जा रहा है। प्रारंभिक कुछ दिनों तक पर्यटक इसे निःशुल्क देख सकेंगे। बाद में आंशिक शुल्क निर्धारित किया जाएगा, जिससे अधिक से अधिक लोग इस अनूठे अनुभव का हिस्सा बन सकें।
राज्य सरकार की इस पहल का उद्देश्य न केवल इतिहास के प्रति जन-जागरूकता बढ़ाना है, बल्कि लखनऊ को सांस्कृतिक और विरासत पर्यटन का प्रमुख केंद्र बनाना भी है। इससे स्थानीय कलाकारों, गाइडों और पर्यटन व्यवसाय से जुड़े लोगों को भी नए अवसर प्राप्त होंगे।
रेजीडेंसी परिसर की दीवारों और खंडहरों में आज भी वीरता और बलिदान की कहानियां गूंजती हैं। 1857 की क्रांति के समय यह स्थान अंग्रेजी शासन और भारतीय स्वतंत्रता सेनानियों के बीच सबसे निर्णायक संघर्ष का साक्षी रहा था। अब यही स्थल आधुनिक तकनीक के माध्यम से अतीत और वर्तमान का संगम बनकर उभर रहा है।
जयवीर सिंह ने कहा कि इस पहल के ज़रिए सरकार की मंशा इतिहास के संरक्षण और पर्यटन के संवर्धन — दोनों को समान रूप से आगे बढ़ाने की है।
“रेजीडेंसी का यह शो हमारे गौरवशाली इतिहास को नई पीढ़ी के सामने जीवंत करेगा। यह केवल मनोरंजन नहीं, बल्कि शिक्षा और प्रेरणा का माध्यम बनेगा,” उन्होंने कहा।
उत्तर प्रदेश पर्यटन विभाग की इस अभिनव पहल ने रेजीडेंसी को नई ऊर्जा दी है। यह प्रयास न केवल शहर की सांस्कृतिक पहचान को सशक्त करेगा, बल्कि लखनऊ को राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर “विरासत और नवाचार के संगम” के रूप में स्थापित करेगा।