कोलकाता. पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने सोमवार को आठ सांसदों के निलंबन की निंदा की। उन्होंने कहा कि संसद में किसानों के हितों की रक्षा के लिए लड़ने वालों पर यह कार्रवाई दुर्भाग्यपूर्ण है।
ममता ने केंद्र में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के नेतृत्व वाली सरकार के काम करने के तरीके पर भी निशाना साधा और काम करने के अलोकतांत्रिक मानदंडों और सिद्धांतों का विरोध किया।
उन्होंने ट्वीट किया, किसानों के हितों की रक्षा के लिए लड़ने वाले आठ सांसदों का निलंबन दुर्भाग्यपूर्ण है और यह इस निरंकुश सरकार की मानसिकता को दर्शाता है जो लोकतांत्रिक मानदंडों और सिद्धांतों का सम्मान नहीं करती है।
तृणमूल कांग्रेस के राज्यसभा नेता डेरेक ओब्रायन सहित आठ विपक्षी सदस्यों को रविवार को विवादास्पद कृषि विधेयकों के पारित होने के दौरान उच्च सदन में हंगामा करने को लेकर सोमवार सुबह सत्र के बाकी बचे दिनों के लिए राज्यसभा से निलंबित कर दिया गया।
सदन ने तृणमूल कांग्रेस के डेरेक ओ ब्रायन और डोला सेन, कांग्रेस के राजीव सातव, रिपुन बोरा, नासिर हुसैन, आम आदमी पार्टी के संजय सिंह और के.के. रागेश और माकपा के ई. करीम को निलंबित कर दिया गया।
तृणमूल सुप्रीमो ने भाजपा पर लोकतंत्र की हत्या करने का आरोप लगाते हुए अपने ट्वीट में कहा, हम नहीं झुकेंगे और हम संसद में और सड़कों पर इस फासिस्ट सरकार से लड़ेंगे।