देश में चर्चा का विषय बने, जी-20 शिखर सम्मलेन का समय नजदीक आ गया है. 9-10 सितंबर 2023 को दिल्ली के प्रगति मैदान के “भारत मंडपम” में होगा यह सम्मेलन.
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने 26 जुलाई को किया था भारत मंडपम का उद्घाटन. उन्होंने मंडपम नाम रखे जाने के पीछे का कारण बताते हुए कहा कि भगवान बसवेश्वर के ‘अनुभव मंडपम’ से इसकी प्रेरणा मिली जिसका अर्थ है वाद और संवाद की लोकतांत्रिक पद्धति.
भारत मंडपम के आर्किटेक्ट संजय सिंह ने कहा है कि इसको दिल्ली की खिड़की के रूप में बनाया गया है, यह भारत की सांस्कृतिक और विविधता की विरासत की झलक दिखायेगा. इसे प्रधानमंत्री के सुझाव पर डिजाईन किया गया है. उनका कहना था कि इसमें भारतीय संस्कृति की पहचान होनी चाहिए.
भारत मंडपम देश का सबसे बड़ा कन्वेंशन सेंटर है. यह इंटरनेशनल एग्जिबिशन कम कन्वेंशन सेंटर हैं. इस समिट में 20 देशो के राष्ट्रप्रमुख शामिल होंगे. और नौ देशो के राष्ट्रप्रमुख को अतिथि के रूप में बुलाया गया है.
यह इंटरनेशनल एग्जिबिशन कम कन्वेंशन सेंटर(भारत मंडपम) 123 एकड़ क्षेत्रफल में फैला हुआ है. कहा जाता है कि फुटबॉल के 26 स्टेडियम के बराबर है भारत मंडपम. प्रगति मैदान के रिडेवलपमेंट का प्रोसेस 2017 से चल रहा था. जिसमे लागत 2700 करोड़ आई. अकेले भारत मंडपम में 750 करोड़ रूपये का खर्च आया.
देश के सबसे बड़े इस कन्वेंशन सेंटर में 10000 लोगो के बैठने की सुविधा है. भारत मंडपम के हर फ्लोर, हर रूम और हर जगह को इस तरह डिजाईन किया गया है कि उसमे भारतीय संस्कृति की झलक को आसानी से देखा जा सकता है. ये ऑस्ट्रेलिया के मशहूर सिडनी ओपेरा हाउस से भी बड़ा माना गया है, क्योंकि वहां 5500 लोगों के बैठने की क्षमता है।
इसके साथ ही भारत मंडपम में ओपन एम्फीथिएटर भी बनाए गए हैं, जिसमें एक बार में 3 हजार से अधिक लोग बैठ सकते हैं। इसी में, मनोरंजन, सांस्कृतिक कार्यक्रम का आयोजन भी किया जाएगा. यंहा 5000 गाड़ियों के लिए पार्किंग की अच्छी व्यवस्था है.
जी-20 समिट के बाद इसे आम लोगो के लिए भी खोला जायेगा.