
लखनऊ:उत्तर प्रदेश के मुख्य सचिव मनोज कुमार सिंह 31 जुलाई 2025 को सेवानिवृत्त होने जा रहे हैं, लेकिन योगी सरकार ने उन्हें एक साल का सेवा विस्तार देने की सिफारिश केंद्र सरकार से की है। यह कदम बताता है कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ उन्हें प्रशासनिक व्यवस्था के लिए कितना जरूरी मानते हैं। 1988 बैच के IAS अधिकारी सिंह को सेवा विस्तार मिलेगा या नहीं, इस पर फैसला 30 जुलाई तक आ सकता है।
योगी सरकार के भरोसेमंद प्रशासक
मनोज कुमार सिंह 2017 में योगी आदित्यनाथ के मुख्यमंत्री बनने के बाद से ही ‘टीम योगी’ का हिस्सा रहे हैं। अनुभव, ईमानदारी और प्रशासनिक कुशलता के आधार पर उन्हें तमाम प्रमुख जिम्मेदारियां सौंपी गईं, जिनमें इन्फ्रास्ट्रक्चर एंड इंडस्ट्रियल डेवलपमेंट कमिश्नर (IIDC), एग्रीकल्चर प्रोडक्शन कमिश्नर (APC) और पंचायती राज विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव जैसी अहम जिम्मेदारियां शामिल हैं।
बड़ी परियोजनाओं के नायक
सिंह की निगरानी में 10 लाख करोड़ रुपये से अधिक की 14,000 से अधिक परियोजनाएं चल रही हैं, जो उत्तर प्रदेश के विकास को गति देने के लिए अहम मानी जा रही हैं।
ग्लोबल इनवेस्टर्स समिट 2023 में उन्होंने ‘टीम यूपी’ का नेतृत्व किया और 40 लाख करोड़ के निवेश प्रस्ताव जुटाए।
महाकुंभ 2025 की तैयारी में भी उनकी नेतृत्व भूमिका रही, जैसा कि 2019 के कुंभ में भी देखा गया था।
जवाबदेही की छवि और प्रशासनिक संतुलन
मनोज कुमार सिंह की कार्यशैली सख्त लेकिन संतुलित मानी जाती है।
उन्होंने PWD घोटाले की जांच कर कई अधिकारियों को निलंबित कराया।
हाल ही में पर्यावरण विभाग में अनियमितताओं पर सख्त कदम उठाए।
मंत्रियों और अधिकारियों के बीच संवाद और समन्वय बनाए रखने में भी उनकी भूमिका उल्लेखनीय रही, विशेषकर तब जब सरकार के भीतर मतभेद सामने आए।
ग्रामीण विकास में अहम भूमिका
स्वच्छ भारत मिशन के अंतर्गत यूपी के 75 जिलों को ODF घोषित कराने में सिंह की अहम भूमिका रही।
बीसी सखी योजना के तहत ग्रामीण बैंकिंग पहुंचाने में उन्होंने योगी के ‘डोरस्टेप सर्विस’ विजन को धरातल पर उतारा।
कोविड प्रबंधन में ‘टीम 11’ और ‘टीम 9’ के साथ मिलकर उन्होंने ग्रामीण क्षेत्रों में संक्रमण नियंत्रण में उल्लेखनीय योगदान दिया।
योगी की नजर में खास क्यों?
मनोज कुमार सिंह का लो प्रोफाइल और परिणामोन्मुखी रवैया उन्हें योगी आदित्यनाथ का भरोसेमंद अधिकारी बनाता है।
वे मीडिया या सोशल मीडिया से दूर रहकर, फाइलों और फैसलों में व्यस्त रहते हैं — ठीक वैसा ही जैसा योगी आदित्यनाथ अपनी नौकरशाही में पसंद करते हैं।
मुख्य सचिव मनोज कुमार सिंह का सेवा विस्तार केवल एक प्रशासक की नौकरी बढ़ाना नहीं, बल्कि योगी सरकार की विकास यात्रा को गति देने की रणनीति है। वे न केवल मुख्यमंत्री के विजन के निष्पादक हैं, बल्कि सरकार की प्रशासनिक रीढ़ भी हैं। आने वाले दिनों में अगर उन्हें सेवा विस्तार मिलता है तो यह योगी सरकार की स्थिरता, जवाबदेही और विकास के एजेंडे को आगे बढ़ाने में सहायक होगा।