
मथुरा। नगर निगम की हालिया बोर्ड बैठक में पार्षदों द्वारा अभद्रता और मारपीट की घटना ने सदन की गरिमा को तार-तार कर दिया। भाजपा और कांग्रेस के कुछ पार्षदों ने महापौर और अधिकारियों के सामने लात-घुसे चलाते हुए हंगामा किया, जिससे बैठक करीब 10 मिनट तक बाधित रही।
सदर के भाजपा पार्षद संजय अग्रवाल ने आरोप लगाया कि निर्माण कार्य में ठेकेदार गुणवत्ता से खिलवाड़ कर रहे हैं, और चार बार शिकायत के बावजूद बिना जांच भुगतान हो रहा है।
बैठक में कुल 44 प्रस्ताव रखे गए, जिनमें से 40 प्रस्ताव सर्वसम्मति से पास हो गए। 14.92 अरब रुपए का पुनरीक्षित बजट भी सर्वसम्मति से पारित हुआ। 4 प्रस्ताव अस्वीकार किए गए। प्रत्येक वार्ड में 50-50 लाख रुपये से विकास कार्य करवाए जाएंगे।
सिटी मजिस्ट्रेट राकेश कुमार और अपर नगर आयुक्त सौरभ सिंह ने स्थिति को नियंत्रित करने का प्रयास किया। इस बैठक में पूर्व बोर्ड बैठक के अनुपूरक प्रस्ताव भी रखे गए, जिनमें पार्षदों को लैपटॉप, प्रिंटर, यात्रा और टेलीफोन भत्ता मिलेगा। साथ ही नगर निगम द्वारा हर वर्ष सरकारी खेल आयोजन करने की घोषणा की गई।
बोर्ड बैठक में अमृत-टू योजना के तहत यमुना नदी के सतही जल पर आधारित 120 एमएलडी वॉटर ट्रीटमेंट प्लांट बनाने का प्रस्ताव भी रखा गया। इस प्रस्ताव पर पार्षदों ने विरोध जताया और प्रत्येक वार्ड में गंगाजल की आपूर्ति सुचारू कराने पर जोर दिया।
नगर आयुक्त जग प्रवेश ने स्पष्ट किया कि नगर निगम का उद्देश्य पार्षदों की समस्याओं को मर्यादा और गरिमा के साथ सुनना है। उन्होंने चेताया कि कोई भी अभद्रता करेगा तो उसके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।