
बहुजन समाज पार्टी (बीएसपी) की राष्ट्रीय अध्यक्ष मायावती ने बुधवार को राजधानी लखनऊ में कांशीराम जी की पुण्यतिथि पर आयोजित विशाल जनसभा में एक बार फिर अपनी राजनीतिक ताकत का प्रदर्शन किया। उन्होंने कहा कि “अब बहुजन समाज को सत्ता की मास्टर चाबी अपने हाथ में लेनी होगी। बाबा साहेब अंबेडकर और कांशीराम जी का सपना तभी साकार होगा जब पूर्ण बहुमत की बीएसपी सरकार बनेगी।”
इस अवसर पर मायावती ने बीजेपी, सपा और कांग्रेस — तीनों पर तीखे प्रहार किए, जबकि अपने संगठन और कार्यकर्ताओं के प्रति एकजुटता का संदेश भी दिया।
बीजेपी सरकार की मरम्मत, सपा पर हमला
अपने संबोधन की शुरुआत में मायावती ने कहा, “हम बीजेपी सरकार के आभारी हैं कि उन्होंने इस रैली स्थल की मरम्मत कराई। अगर सपा सरकार होती, तो यह स्थल और भी बदहाल रहता।”
उन्होंने व्यंग्य भरे अंदाज़ में जोड़ा, “हमारे टिकट का पैसा मरम्मत पर खर्च नहीं हुआ है, यह सरकार की जिम्मेदारी थी।”
इसके बाद उन्होंने सपा को निशाने पर लिया — “जब सपा सत्ता में थी तब PDA (पिछड़ा-दलित-अल्पसंख्यक) की याद नहीं आई। अब सत्ता से बाहर हैं तो PDA याद आ गया। यही इनका दोहरा चरित्र है।”
“बहुजन समाज को एकजुट होना होगा”
मायावती ने कहा कि “आज की भीड़ ने सारे रिकॉर्ड तोड़ दिए हैं। यह भीड़ दिखाती है कि बहुजन समाज अब जाग चुका है। हमें इस शक्ति को पहचानना होगा और सत्ता की चाबी खुद अपने हाथों में लेनी होगी।”
उन्होंने कहा कि “बाबा साहेब और कांशीराम जी ने हमें आत्मसम्मान की लड़ाई लड़ना सिखाया। अब इस लड़ाई को नई पीढ़ी को आगे बढ़ाना है।”

कांग्रेस पर “संविधान नाटक” का आरोप
मायावती ने कांग्रेस पर तीखा वार करते हुए कहा — “संविधान की दुहाई देने वाली कांग्रेस को याद रखना चाहिए कि इमरजेंसी के दौरान इन्हीं ने संविधान को कुचला था। बाबा साहेब को संसद तक पहुंचने नहीं दिया और भारत रत्न देने में भी देरी की।”
उन्होंने कहा कि “कांग्रेस और सपा दोनों ने कांशीराम जी जैसे बहुजन नायकों का हमेशा अपमान किया। अब हमें अपने अधिकारों की रक्षा खुद करनी होगी।”
“संविधान हम बदलने नहीं देंगे”
मायावती ने साफ शब्दों में कहा, “संविधान हम बदलने नहीं देंगे। यही हमारा अस्त्र और अस्तित्व दोनों है। जो लोग इसे कमजोर करने की कोशिश करेंगे, उन्हें जनता जवाब देगी।”
उन्होंने नारे के रूप में कहा —
“BSP लाओ, जनता को खुशहाल बनाओ।”
कानून व्यवस्था, मुस्लिम समाज और आरक्षण पर चिंता
मायावती ने कहा, “उत्तर प्रदेश में कानून व्यवस्था की स्थिति अच्छी नहीं है। मुस्लिम समाज का विकास नहीं हो पा रहा है, उनका जान-माल तक सुरक्षित नहीं है।”
उन्होंने कहा, “आरक्षण का लाभ अभी पूरा नहीं मिल पाया है। प्रमोशन में आरक्षण लागू करना बेहद जरूरी है। हमें दलित और पिछड़े समाज की एकता को मजबूत करना होगा।”
ईवीएम और लोकतंत्र पर सवाल
मायावती ने कहा, “ईवीएम सिस्टम पर लगातार सवाल उठ रहे हैं। इसे खत्म कर पुराने मतपत्र प्रणाली पर विचार होना चाहिए। लोकतंत्र की साख तभी बच सकेगी जब जनता का वोट सुरक्षित रहेगा।”
“गठबंधन किसी से नहीं करेंगे”
मायावती ने स्पष्ट किया, “हम किसी से गठबंधन नहीं करेंगे। आगामी विधानसभा चुनाव बीएसपी अकेले लड़ेगी और पूर्ण बहुमत की सरकार बनाएगी।”
उन्होंने कहा, “हमारे समाज के लोग लखनऊ खुद आए हैं, किसी को दिहाड़ी पर नहीं लाया गया। यह उत्साह बताता है कि अब बीएसपी की सरकार बनेगी।”
उन्होंने यह भी कहा, “बीएसपी सरकार बनने पर प्रदेश के युवाओं को यहीं रोजगार मिलेगा। पलायन की जरूरत नहीं पड़ेगी।”
“आकाश आनंद मेरे मार्गदर्शन में हैं”
अपने संबोधन में मायावती ने पार्टी महासचिव आकाश आनंद को लेकर भी बड़ा बयान दिया। उन्होंने कहा,
“आकाश आनंद मेरे मार्गदर्शन में चल रहे हैं, बहुत मेहनत कर रहे हैं और पार्टी हित में पूरी निष्ठा से काम कर रहे हैं। सभी कार्यकर्ता उनके साथ मजबूती से खड़े रहें।”
साथ ही उन्होंने कहा कि “सतीश चंद्र मिश्रा पार्टी की जिम्मेदारियों को बखूबी निभा रहे हैं और संगठन के लिए लगातार काम कर रहे हैं।”
“बहुजन एकता ही भविष्य तय करेगी”
सभा के अंत में मायावती ने कहा, “यहां आई जनता किसी प्रलोभन में नहीं, बल्कि अपने अधिकारों की चेतना के कारण आई है। यही भीड़ भविष्य की सरकार तय करेगी।”
उन्होंने आह्वान किया —
“बूथ स्तर पर बहुजन समाज को जोड़िए, संगठन को मजबूत कीजिए। जब बूथ मजबूत होगा, तब सत्ता अपने आप हमारे पास आएगी।”
राजनीतिक संकेत और नया संतुलन
मायावती का यह भाषण पहले के मुकाबले संतुलित और रणनीतिक माना जा रहा है। उन्होंने जहां बीजेपी की आलोचना से परहेज़ किया, वहीं सपा और कांग्रेस पर सीधा वार किया। राजनीतिक विश्लेषकों के अनुसार यह संकेत है कि बीएसपी अब “तीसरी धुरी” के रूप में खुद को फिर स्थापित करने की कोशिश में है।
कांशीराम पुण्यतिथि पर मायावती का यह संबोधन बहुजन राजनीति के लिए नई दिशा तय करने वाला माना जा रहा है।
उन्होंने कहा, “अब समय आ गया है जब बहुजन समाज को सत्ता की मास्टर चाबी अपने हाथों में लेकर बाबा साहेब और कांशीराम जी का सपना साकार करना होगा।”