राजकीय सम्मान के साथ होगा अंतिम संस्कार, पद्मश्री ओलंपियन मिल्खा सिंह की याद में पंजाब में एक दिन का राजकीय शोक

नई दिल्ली। करीब एक महीना कोरोना से जूझने के बाद शुक्रवार देर रात देश के पूर्व ओलंपियन मिल्खा सिंह का चंडीगढ़ का पीजीआई में देहांत हो गया। 91 वर्ष की उम्र में उन्होंने अंतिम सांस ली। फ्लाइंग सिख के नाम से दुनिया भर मे मशहूर पद्मश्री मिल्खा सिंह का पार्थिव शरीर अंतिम दर्शनों के लिए चंडीगढ़ में उनके सेक्टर-8 स्थित आवास पर रखा गया है। पंजाब सरकार की तरफ से स्वर्गीय मिल्खा सिंह का राजकीय सम्मान के साथ अंतिम संस्कार किया जाएगा। मिल्खा सिंह की याद में पंजाब में एक दिन का राजकीय शोक घोषित किया गया है।

पाँच बजे शुरू होगी अंतिम यात्रा

सेक्टर-25 के श्मशान घाट में उनका अंतिम संस्कार किया जाएगा। शाम करीब पांच बजे मिल्खा सिंह निवास से उनकी अंतिम यात्रा शुरू होगी। शनिवार को कई दिग्गजों ने मिल्खा सिंह के घर पहुंचकर उनके निधन पर शोक जताया और परिवार को सांत्वना दी।

एक हफ़ते के भीतर ही मिल्खा सिंह और उनकी पत्नी का निधन


वह कोरोनावायरस से संक्रमित हुए थे और चंडीगढ़ स्थित पीजीआई में उनका इलाज चल रहा था। बीती 19 मई को उनकी कोविड रिपोर्ट पॉजिटिव आने के बाद वह चंडीगढ़ स्थित अपने घर पर ही इलाज करवा रहे थे लेकिन स्वास्थ्य बिगड़ने के बाद 24 मई को उन्हें मोहाली स्थित अस्पताल के आईसीयू में भर्ती कराया गया था। बता दें कि 13 जून को उनकी पत्नी और भारतीय महिला वॉलीबॉल टीम की पूर्व कप्तान निर्मल मिल्खा सिंह का मोहाली के एक अस्पताल में कोरोना संक्रमण से संबंधित जटिलताओं के कारण निधन हो गया था।

पीएम ने शोक व्यक्त करते हुए लिखा ट्वीट

प्रधानमंत्री मोदी ने मिल्खा सिंह की मौत पर शोक व्यक्त करते हुआ लिखा कि, ‘श्री मिल्खा सिंह जी के निधन से हमने एक महान खिलाड़ी खो दिया है, जिसने देश की कल्पना पर अपनी छाप छोड़ी थी और अनगिनत भारतीयों के दिलों में एक विशेष स्थान बना लिया था। अपने प्रेरक व्यक्तित्व की वजह से वह लाखों लोगों के चहेते थे। मैं उनके निधन से आहत हूं।’