पटना. भ्रष्टचार के आरोप लगने के बाद बिहार के शिक्षा मंत्री मेवालाल ने अपने पद सेत इस्तीफा दे दिया। गुरुवार को भारी हंगामे के बीच गुरुवार को 12:30 बजे मेवालाल ने शिक्षा विभाग का अपना कार्यभार संभाला और 2 बजे तक इस्तीफा भी दे दिया। मेवालाल के इस्तीफा दिए जाने के बाद राष्ट्रीय जनता दल (राजद) विधायक दल के नेता तेजस्वी यादव ने एकबार फिर मुख्यमंत्री को कटघरे में खड़ा किया है। उन्होंने शिक्षा मंत्री के इस्तीफे को नौटंकी बताते हुए असली गुनहगार मुख्यमंत्री को बताया है।
तेजस्वी ने इस्तीफे को बताया नौटंकी
तेजस्वी ने कहा, मुख्यमंत्री जी, जनादेश के माध्यम से बिहार ने हमें एक आदेश दिया है कि आपकी भ्रष्ट नीति, नीयत और नियम के खिलाफ आपको आगाह करते रहें। महज एक इस्तीफे से बात नहीं बनेगी। अभी तो 19 लाख नौकरी, संविदा और समान काम-समान वेतन जैसे अनेकों जन सरोकार के मुद्दों पर मिलेंगे।
उन्होंने आगे कहा, मैंने कहा था ना आप थक चुके हैं इसलिए आपकी सोचने-समझने की शक्ति क्षीण हो चुकी है। जानबूझकर भ्रष्टाचारी को मंत्री बनाया। थू-थू के बावजूद पदभार ग्रहण कराया। घंटे बाद इस्तीफे का नाटक भी रचाया। उन्होंने मुख्यमंत्री को असली गुनाहगार बताते हुए आगे कहा, असली गुनाहगार आप हैं। आपने मंत्री क्यों बनाया? आपका दोहरापन और नौटंकी अब चलने नहीं दी जाएगी?
बता दें कि मेवालाल चौधरी पर 2017 में भागलपुर के सबौर कृषि विश्वविद्यालय के कुलपति रहते हुए नौकरी में भारी घपले बाजी करने का आरोप है। उनके ऊपर आरोप है कि कुलपति रहते हुए उन्होंने 161 असिस्टेंट प्रोफेसर की गलत तरीके से बहाली की।
इस मामले को लेकर उनके ऊपर प्राथमिकी भी दर्ज है। जेडीयू कोटे से मंत्री बनने वाले मेवालाल चौधरी को पहली बार कैबिनेट में शामिल किया था। बिहार की तारापुर विधानसभा क्षेत्र से जेडीयू के टिकट पर दूसरी बार विधायक चुने गए हैं। मेवालाल चौधरी 2015 में पहली बार विधायक बने थे जबकि इससे पहले वो शिक्षक रहे हैं।