मिर्जापुर में गंगा का कहर: जलस्तर खतरे के पार, 346 गांव बाढ़ से प्रभावित, राहत-बचाव में जुटा प्रशासन

मिर्जापुर, उत्तर प्रदेश के मिर्जापुर जिले में गंगा नदी के बढ़ते जलस्तर ने विकराल रूप धारण कर लिया है। 4 अगस्त की शाम 5 बजे तक नदी का जलस्तर 78.46 मीटर पर पहुंच गया है, जो खतरे के निशान 77.724 मीटर से 73.6 सेमी ऊपर है। नदी की रफ्तार अब भी 1 सेमी प्रति घंटा की दर से बढ़ रही है, जिससे जिले में बाढ़ की स्थिति और गंभीर हो गई है।

जिले की 346 गांव बाढ़ की चपेट में आ चुके हैं। तहसील सदर के 183 और तहसील चुनार के 163 गांवों में जलभराव और तबाही का मंजर देखा जा रहा है।

सदर तहसील के 15 गांवों में जनजीवन, फसल और आवागमन तीनों प्रभावित हैं,

153 गांवों में केवल खेती तबाह हुई है।

चुनार तहसील में 36 गांवों में तीनों प्रभाव दिखे हैं,

जबकि 99 गांवों में सिर्फ फसल बर्बाद हुई है।

प्रशासन ने तेजी से मोर्चा संभाला है।
बाढ़ प्रभावित इलाकों में 129 नावें लगाई गई हैं, जिनमें 52 मोटरबोट और 77 सामान्य नावें शामिल हैं। SDRF और PAC की टीमें राहत-बचाव कार्य में लगी हैं। सदर में 2 और चुनार में 1 राहत शिविर संचालित किए जा रहे हैं।

अब तक 5125 लंच पैकेट और 110 खाद्यान्न किट वितरित किए जा चुके हैं। शिविरों में साफ पीने का पानी, बिजली, सामुदायिक रसोई और शौचालय की पूरी व्यवस्था है।
37 बाढ़ चौकियों पर प्रशासनिक, स्वास्थ्य, पुलिस और पशुपालन विभाग की टीमें 24 घंटे तैनात हैं। ज़रूरत पड़ने पर और राहत शिविर शुरू करने की तैयारी भी की जा रही है।

प्रशासन की तत्परता का उदाहरण
3 अगस्त को ग्राम धरौरा में PAC और एसडीएम की टीम ने दो बुजुर्गों को गहरे पानी से सुरक्षित निकालकर राहत शिविर पहुंचाया। यह रेस्क्यू प्रशासन की संवेदनशीलता और तत्परता को दर्शाता है।

सावधानी की अपील
प्रशासन ने जनता से अपील की है कि जलमग्न क्षेत्रों से दूर रहें, अफवाहों पर ध्यान न दें और सरकारी दिशा-निर्देशों का पालन करें। गंगा के जलस्तर और मौसम की स्थिति पर सतत निगरानी की जा रही है।