मसौली में बिजली की आंख मिचौली से ग्रामीण त्रस्त, स्थायी समाधान की तलाश जारी

बाराबंकी। भीषण गर्मी के बीच मसौली और त्रिलोकपुर उपकेंद्रों के ग्रामीण क्षेत्र में बिजली की अनियमित आपूर्ति ने लोगों को परेशान कर रखा है। ग्रामीणों का आरोप है कि निर्धारित 18 घंटे की विद्युत आपूर्ति के बावजूद रोस्टिंग के दौरान लगातार कटौती होती है, जिससे उनकी परेशानियाँ बढ़ रही हैं।

अवर अभियंता मसौली, लाल जी सिंह का कहना है कि ग्रामीण क्षेत्रों में 18 घंटे विद्युत आपूर्ति का कोई विभागीय आदेश नहीं है, जबकि अधिशासी अभियंता रामनगर खालिद सिद्दीकी का दावा है कि रोस्टिंग के दौरान निर्धारित समय पर विद्युत आपूर्ति की जाती है। विद्युत उपकेंद्र मसौली से डेढ़ सौ से अधिक गांवों को फीडरों के माध्यम से बिजली उपलब्ध कराई जाती है, लेकिन कर्मचारियों की अनुपस्थिति और फॉल्ट की समस्या समाधान में विलंब से ग्रामीण असंतुष्ट हैं।

ग्रामीणों ने यह भी आरोप लगाया कि फॉल्ट को सही करने के नाम पर कुछ कर्मचारियों द्वारा मनमाना सुविधा शुल्क वसूला जाता है। एसडीओ और अन्य जिम्मेदार अधिकारी कई बार शिकायत मिलने के बावजूद समस्याओं का स्थायी समाधान नहीं कर पा रहे हैं। मोहल्ला भूलीगंज में 250 केवीए ट्रांसफार्मर दो माह में तीन बार जल चुका है, जिससे सप्लाई में लंबा अंतराल पड़ा।

विद्यालयों में भी बिजली कटौती का असर साफ देखा जा रहा है। परिषदीय विद्यालयों में सुबह 9 से दोपहर 12 बजे तक कटौती होने से छात्रों को पंखा और पानी की सुविधा नहीं मिल रही, जिससे पढ़ाई प्रभावित हो रही है।

अधिकारियों का कहना है कि नवरात्रि के समय प्रयास रहेगा कि 24 घंटे विद्युत आपूर्ति सुनिश्चित की जाए, जबकि आवास पर कर्मचारियों के रहने के लिए कोई विशेष शासनादेश नहीं है। ग्रामीणों का कहना है कि एसडीओ का सीयूजी फोन अक्सर उपलब्ध नहीं होता और फॉल्ट के दौरान कोई सुनवाई नहीं होती।

विद्युत उपकेंद्र मसौली की स्थिति यह है कि कभी-कभी एक या दो कर्मचारी ही रात्रि निवास करते हैं, जिससे फॉल्ट या ट्रांसफार्मर जलने जैसी समस्याओं में देर हो जाती है। ग्रामीण और उपभोक्ता अब स्थायी समाधान की उम्मीद कर रहे हैं, ताकि भीषण गर्मी में उन्हें बिजली कटौती का सामना न करना पड़े।