विगत 12 फरवरी तक राज्य में 35 करोड़ 47 लाख मानव दिवस रोजगार का हुआ सृजन
लखनऊ। महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी अधिनियम में रोजगार मुहैया कराने को लेकर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की पहल से उत्तर प्रदेश मनरेगा में रोजगार सृजन का रिकार्ड कायम कर रहा है। मनरेगा के तहत अब ना सिर्फ राज्य के ग्रामीण क्षेत्रों में लोगों को रोजगार मिल रहा, बल्कि गांव-गांव में हजारों की संख्या में तालाब और शौचालयों का निर्माण हो गया है। कई और निर्माण कार्य भी हुए हैं, जिनके चलते अब गांवों की बदरंग तस्वीर बदलने लगी है। राज्य के गांवों में सुविधाओं का इजाफा हुआ और इसकी वजह मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का गांवों के विकास पर ध्यान देना है। इसके चलते ही प्रदेश में 26 करोड़ मानव रोजगार दिवस सृजित करने के लक्ष्य के सापेक्ष में 35 करोड़ से अधिक मानव दिवस रोजगार सृजन इस साल हुआ है।
कोरोना संकट के दौरान लाकडाउन के समय जब देशभर से करीब चालीस लाख प्रवासी श्रमिक यूपी लौटे तो मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की पहल पर मनरेगा में उन्हें रोजगार दिया गया। जिसके चलते लोगों को रोजगार महैया कराने के लिए मनरेगा के तहत राज्य में 26 करोड़ मानव दिवस सृजित करने का लक्ष्य देखते ही देखते ही पूरा हो गया। ऐसे में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के आग्रह पर केंद्र सरकार ने यूपी में मनरेगा के तहत लोगों को रोजगार मुहैया कराने के तय किए गए लक्ष्य को नौ करोड़ बढाकर 35 करोड़ कर दिया है।
गांवों की बदली तस्वीर
मनरेगा के तहत राज्य में कराए गए निर्माण कार्यों के तहत गांवों की तस्वीर बदली है। इस तस्वीर को और बेहतर करने और रोजगार को बढ़ावा देने के लिए प्रदेश सरकार मनरेगा के आवंटन में वृद्धि करेगी। सरकार के इस फैसले से राज्य में मानव रोजगार दिवस के सृजन का लक्ष्य 40 करोड़ से भी अधिक करने में सहायता होगी । मनरेगा से जुड़े अफसरों के अनुसार अगले मार्च तक 40 करोड़ मानव दिवस का रोजगार का सृजन करने संबंधी लक्ष्य पूरा कर लिया जाएगा। इतनी संख्या में पहले कभी रोजगार नहीं दिया गया।