नवरात्रि के नौ दिन, पूजा उपासना और साधना के सर्वोत्तम दिन होते हैं. इन दिनों में साधना से हर तरह की मनोकामना पूरी की जा सकती है. नवरात्रि के अलग-अलग दिन अलग-अलग तरह की शक्तियां प्रवाहित होती हैं.
हर दिन की शक्ति को समझकर उसके अनुसार अगर कामना की जाए तो कामना निश्चित रूप से पूर्ण होती है. इसके अलावा नवग्रहों से सम्बंधित समस्या भी इन दिनों में दूर की जा सकती है.
क्या देवी की पूजा रात्रि को ही करनी चाहिये?
नवरात्रि का सम्बन्ध मुख्यतः रात्रि से ही है. मध्य रात्रि की पूजा साधना ज्यादा प्रभावशाली होती है. मध्य रात्रि में देवी का ध्यान और रात्रि सूक्त का पाठ अद्भुत परिणाम देता है.
नवरात्रि के किस दिन किस तरह की शक्तियां प्रवाहित होती हैं?
नवरात्रि में माता के नौ रूपों की पूजा की जाती है और हर एक रूप का अलग महत्व होता है. नवरात्रि के प्रथम दिन स्वास्थ्य की शक्ति प्रवाहित होती है. दूसरे दिन ज्ञान और वैराग्य की शक्ति का प्रवाह रहता है.
तीसरे दिन साहस और आत्मविश्वास की शक्ति मिलती है. नवरात्रि के चौथे दिन बुद्धि, वाणी और प्रखरता की शक्ति मिलती है.
नवरात्रि के पांचवें दिन संतान सम्बन्धी समस्याओं का समापन होता है. नवरात्रि के छठवें दिन विवाह होने में आ रही बाधाओं का समापन होता है.
नवरात्रि के सातवें दिन रोग, शोक और बाधाओं का नाश होता है. आठवें दिन मनचाहे विवाह और सुखद वैवाहिक जीवन का वरदान मिलता है और नवरात्रि के नवें दिन मुक्ति मोक्ष और समस्त सिद्धियां मिल सकती हैं.