लखनऊ. धरना-प्रदर्शन के दौरान तोड़-फोड़ व पुलिस पर हमला करने के एक आपराधिक मामले में गैरहाजिर रहने पर बीजेपी सांसद रीता बहुगुणा जोशी, राज बब्बर व प्रदीप जैन समेत नौ लोगों के खिलाफ गैर जमानती वारंट जारी करने का आदेश एमपी-एमएलए कोर्ट के विशेष जज पवन कुमार राय ने दिया है। (अथर्व रस्तोगी की रिपोर्ट)
आपको बता दें उन्होंने इनके ज़मानतदारो को भी नोटिस जारी करने का आदेश दिया है| साथ ही इस मामले में वारंट का तामीला नहीं कराने पर थानाध्यक्ष हजरतगंज को भी कारण बताओ नोटिस जारी किया है।
थानाध्यक्ष से पूछा गया है कि अदालत के इस आदेश का पालन क्यों नहीं किया जा रहा है थानाध्यक्ष से ये भी कहा गया है की आठ दिसंबर को कोर्ट में उपस्थित होकर बताएं अन्यथा उनके खिलाफ आवश्यक कार्यवाही की जाएगी।
क्या है मामला
आपको बता दे की 17 अगस्त 2015 को इस मामले की एफआईआर एसआई प्यारेलाल प्रजापति ने थाना हजरतगंज में दर्ज कराई थी। उस दिन कांग्रेस ने लक्ष्मण मेला स्थल पर धरना-प्रदर्शन किया था।
करीब पांच हजार लोगो के साथ अचानक ये सभी लोग धरना स्थल से विधान सभा का घेराव करने निकल पड़े थे| इन सभी पर आरोप है की इन्हें समझाने व रोकने का प्रयास किया गया लेकिन ये नहीं माने और संकल्प वाटिका के पास पथराव करने लगे जिससे भगदड़ मच गई।
इस पथराव में एसपी पुर्वी राजीव मल्होत्रा, सीओ ट्रैफिक अवनीश मिश्रा एडीएम पूर्वी निधि श्रीवास्तव, एसएचओ आलमबाग विकास पांडेय व एसओ हुसैनगंज शिवशंकर सिंह समेत कई पुलिस अधिकारी और पीएसी के कई जवान गंभीर रुप से घायल हो गए थे।
कई गाड़ियों के शीशे टूट गए थे और कानून व्यवस्था धराशाही हो गयी थी| इस मामले मे 25 दिसंबर, 2015 को विवेचना करने के बाद पुलिस ने 18 अभियुक्तों के खिलाफ आईपीसी की कई गंभीर धाराओं व क्रिमिनल लॉ अमेंडमेट एक्ट की धारा में भी आरोप पत्र दाखिल कर दिया था।
क्योंकि मौजूदा दौर में मुख्य आरोपियों में से एक रीता बहुगुणा जोशी कांग्रेस का साथ छोड़कर बीजेपी से सांसद हैं तो अब देखना होगा कि योगी राज में कानून का हंटर रीता बहुगुणा जोशी के ऊपर चलेगा या उन्हें विशेष रियायत दी जाएगी |