नई दिल्ली. एनसीईआरटी एवं इंडियन साइन लैंग्वेज रिसर्च एंड ट्रेनिंग सेंटर के बीच एक मेमोरेंडम ऑफ अंडरस्टैंडिंग पर हस्ताक्षर किए गए हैं। इस ऐतिहासिक समझौते के अंतर्गत हिंदी और अंग्रेजी माध्यम की कक्षा एक से बारहवीं तक की सभी एनसीईआरटी की पाठ्यपुस्तकें, शिक्षक पुस्तिका और अन्य पूरक पाठ्यपुस्तक एवं संसाधनों को भारतीय सांकेतिक भाषा में परिवर्तित किया जाना है। इस पहल से उन सभी विद्यार्थियों और शिक्षकों को लाभ होगा जो सुन नहीं सकते हैं या कम सुन पाते हैं।
एनसीईआरटी द्वारा बनाई गई पाठ्यपुस्तकों की सराहना करते हुए केंद्रीय शिक्षा मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक ने कहा, संस्थान ने अपनी पाठ्यपुस्तकें परिवर्तित होते समाज की परिवर्तित होती आवश्यकताओं को ध्यान में रखते हुए निर्मित की हैं। देशभर में एनसीईआरटी द्वारा बनाई गई पाठ्यपुस्तकों के उपयोग से हम विद्यालयी स्तर की शैक्षिक गुणवत्ता को बनाए रखने में सक्षम हो सके है। भविष्य में, इन पुस्तकों में भारत की संस्कृति और परम्पराओं का ज्ञान, बहुभाषिता, मूल्य शिक्षा, संवैधानिक मूल्यों और अनेक महत्वपूर्ण सामाजिक सरोकारों इत्यादि पर अधिक बल देना होगा।
केंद्रीय मंत्री ने कहा, हम 34 साल बाद नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति लेकर आएं हैं, जिसमें स्कूली शिक्षा और शिक्षक-शिक्षा में आमूल चूल परिवर्तन लाने की संस्तुति की गई है। इस नीति को लागू करने में एनसीईआरटी की भूमिका बेहद महत्वपूर्ण है। इसे लागू करने के लिए एनसीईआरटी द्वारा राष्ट्रीय पाठ्यचर्या की रूपरेखा बनाई जाएगी, जो नए पाठ्यक्रम, पाठ्यपुस्तकों और स्कूल के अन्य पहलुओं पर दिशानिर्देश देगी।
शिक्षा मंत्रालय के निष्ठा कार्यक्रम की बात करते हुए डॉ निशंक ने कहा कि, शिक्षकों के क्षमता निर्माण के लिए निष्ठा कार्यक्रम द्वारा एनसीईआरटी द्वारा 23,000 संदर्भ व्यक्तियों और 17.5 लाख शिक्षकों और स्कूल के प्रमुखों को प्रशिक्षण दिया जा चुका है। कोरोना वैश्विक महामारी की चुनौतियों को देखते हुए आज मुझे दीक्षा पोर्टल के लिए ऑनलाइन निष्ठा लॉंन्च करने में हर्ष और संतोष का अनुभव हुआ, इस ऑनलाइन माध्यम से हम शेष 24.5 लाख प्रारम्भिक स्तर के शिक्षकों तक पहुंच पाएंगे।
उन्होंने कोरोना संकट काल में एनसीईआरटी द्वारा शिक्षा के क्षेत्र में किये कार्यों की सराहना करते हुए कहा, मैं आशा करता हूं कि एनसीआरटी इसी प्रकार अपने अथक प्रयासों द्वारा देश में विद्यालयी शिक्षा को मार्गदर्शन प्रदान करती रहेगी।
इसके साथ ही मंगलवार को एनसीईआरटी का 60वां स्थापना दिवस भी था। इस अवसर पर केंद्रीय शिक्षा मंत्री निशंक ने कहा, किसी भी संस्था की वास्तविक पहचान उसके भवन से नहीं होती है, बल्कि उसके कार्यों से होती है। एनसीईआरटी ने अपनी शैक्षिक उपलब्धियों के द्वारा ही अपनी एक विशिष्ट पहचान बनाई है। डॉ. निशंक ने दीक्षा पोर्टल पर निष्ठा के ऑनलाइन माध्यम की शुरूआत भी की।