ब्रिक्स देशों के न्यू डेवलपमेंट बैंक (NDB) ने कोरोना संकट से मुश्किल में चल रही इकोनॉमी को पटरी पर लाने के लिए भारत को एक अरब डॉलर (करीब 7350 करोड़ रुपये) का लोन देने का निर्णय लिया है. इस बैंक का मुख्यालय चीन के शहर शंघाई में है.
एनडीबी के निदेशक मंडल ने 15 दिसंबर को वर्चुअल तरीके से हुई अपनी 29वीं बैठक में पांच नए निवेश प्रोजेक्ट्स को मंजूरी दी है. बोर्ड इससे पहले की बैठकों में दो प्रोजेक्ट को मंजूरी दे चुका है.
गौरतलब है कि कोरोना संकट की वजह से भारत की अर्थव्यवस्था को काफी नुकसान हुआ है. जून तिमाही में जीडीपी में करीब 24 फीसदी की भारी गिरावट आयी थी. इसके बाद सितंबर तिमाही में जीडीपी में 7.5 फीसदी की गिरावट आयी है. इस पूरे वित्त वर्ष में भी जीडीपी में 7 से 9 फीसदी के बीच गिरावट का अनुमान रेटिंग एजेंसियों ने जारी किया है.
क्या कहा एनडीबी ने
NDB के एक बयान में बताया गया, ‘इस मीटिंग में बोर्ड ने कुल 2.7 अरब डॉलर की प्रतिबद्धता वाले पांच निवेश परियोजनाओं को मंजूरी दी है. निदेशक मंडल ने भारत और ब्राजील को 1-1 अरब डॉलर के दो कोविड-19 इमरजेंसी लोन प्रोग्राम मंजूर किये हैं.’
गौरतलब है कि एनडीबी की स्थापना ब्रिक्स देशों ने की है. ब्रिक्स देशों में ब्राजील, रूस, भारत, चीन और दक्षिण अफ्रीका आते हैं. एनडीबी के द्वारा ब्रिक्स और अन्य उभरते देशों में टिकाऊ विकास परियोजनाओं को संसाधन मुहैया कराया जा सकता है.
इकोनॉमी के लिए मदद
भारत के लिए एक अरब डॉलर का लोन ‘कोविड-19 इमरजेंसी लोन प्रोग्राम टु इंडिया फॉर सपोर्टिंग इकोनॉमिक रिकवरी’ के तहत मंजूर किया गया है.
इस कार्यक्रम के द्वारा भारत को कोविड-19 महामारी की वजह से इकोनॉमी को होने वाले नुकसान पर रोक लगेगी और इससे अर्थव्यवस्था पटरी पर आएगी. इसमें जोर प्रवासी श्रमिकों को राहत और कृषि उत्पादन बढ़ाने पर होगा.