गाजियाबाद: मंगलवार को केंद्र सरकार ने सभी किसानों दलों को विज्ञान भवन में वार्तालाप के लिए आमंत्रित किया था. जिसमें लगभग सभी किसान दल के नेता शामिल हुए थे. लेकिन, किसी भी तरह की बात न बनने के कारण कोई नतीजा नहीं निकला सका. अब ऐसे में कल 3 दिसंबर को एक बार फिर सरकार और किसान के बड़े-बड़े लीडर आमने-सामने होंगे.
26 जनवरी दिल्ली में मनाकर ही लौटेंगे
ऐसे में गाजियाबाद के यूपी गेट पर पहुंचे भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत से एबीपी गंगा की टीम ने बातचीत की. बातचीत में राकेश टिकैत से ये जानने की कोशिश की गई कि अब उनकी आगे की रणनीति क्या होगी. राकेश टिकैत ने बताया कि वो 23 जनवरी तक यहीं मौजूद रहेंगे और 26 जनवरी दिल्ली में मनाकर ही लौटेंगे. उन्होंने का कि ये सरकार किसान विरोधी है. सरकार की गलत नीतियों के कारण किसान आत्महत्या करने के लिए मजबूर और कर्जे में डूबता जा रहा है.
कर्ज भरी जिंदगी जीने के लिए मजबूर हैं
बातचीत के दौरान भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत ने एक और किसान से भी बात कराई तो उसने अपनी आपबीती सुनाई. किसाने ने कहा कि क्रेडिट बिल और बिजली के बिल ने उन्हें बरबाद कर दिया है और उनकी जिंदगी में मायूसी भरी कर दी है. अब वे कर्ज भरी जिंदगी जीने के लिए मजबूर हैं और लगातार खेती करने के बावजूद भी घाटे में जा रहे हैं.