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सभी अधिकरणों के लिए एक-समान नियम बनाने की जरुरत: रितुराज अवस्थी- Amar Bharti Media Group एक्सक्लूसिव

सभी अधिकरणों के लिए एक-समान नियम बनाने की जरुरत: रितुराज अवस्थी

अधिकरण उच्च न्यायालय के काम के बोझ को कम करने में उपयोगी

लखनऊ। इलाहाबाद उच्च न्यायालय लखनऊ बेंच वरिष्ठ न्यायमूर्ति रितुराज अवस्थी ने भारतीय न्याय व्यवस्था में अधिकरणों की भूमिका को रेखांकित करते हुए कहा कि न्याय व्यवस्था में अधिकरणों की अधिकारिता एवं महत्ता हमेशा प्रासंगिक रहेगी। उन्होंने अधिकरणों के बनाये जाने की आवश्यकता एवं महत्ता पर भी विस्तार से प्रकाश डाला।

न्यायमूर्ति शुक्रवार को राज्य लोक सेवा अधिकारण इन्दिरा भवन में कक्ष-118 में भारतीय न्याय व्यवस्था में अधिकरणों की प्रासंगिकता एवं महत्व पर मुख्य अतिथि की हैसियत से सारगर्भित व्याख्यान दे रहे थे।

उन्होंने कहा कि सभी अधिकरणों के लिए एकसमान नियम बनाने की आवश्यकता है। उन्होंने अधिकरणों की कार्यप्रणाली से संबंधित व्यावहारिक समस्याएं उठाये जाने पर कहा कि अधिकरणों को और क्रियाशील बनाये जाने के लिए इन समस्याओं का निराकरण आवश्यक है और इसे उचित फोरम तक पहुँचाकर इसका समाधान किये जाने का हरसम्भव प्रयास किया जायेगा।

श्री अवस्थी ने सम्पत कुमार बनाम भारत संघ के वाद से अपना संबोधन शुरू करते हुए एल. चन्द्र कुमार बनाम भारत संघ में सर्वोच्च न्यायालय द्वारा प्रतिपादित न्यायिक पुनरीक्षण की प्रक्रिया के बारे में विस्तार से प्रकाश डाला।

उन्होंने राज्य लोक सेवा अभिकरण के कार्यों की सराहना की तथा उच्च न्यायलय के कार्य के बोझ को कम करने में अत्यंत उपयोगी बताया। इस मौके पर राज्य लोक सेवा अधिकरण के अध्यक्ष न्यायमूर्ति सुधीर कुमार सक्सेना ने अपने संबोधन में अधिकरण की व्यावहारिक समस्याओं एवं आवश्यकताओं पर प्रकाश डाला।