नई दिल्ली। बीते 20 दिनों में जो अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी के 19 प्रोफेसरों की मौत हुई है , उससे पूरा प्रशासन चौक गया है। जिसके चलते एएमयू के कुलपति प्रोफेसर तारिक मंसूर ने आशंका जताई है कि अलीगढ़ में नए किस्म का कोरोना विकसित हो गया है उन्होंने इस संबंध में आईसीएमआर को पत्र भेजा जिसमें कोविड-19 नमूनों की जीनोम जांच करने का अनुरोध किया है।
एएमयू वीसी ने पत्र भेजा
एएमयू वीसी ने आईसीएमआर के महानिदेशक प्रो. बलराम भार्गव को पत्र भेजा है। पत्र में अनुरोध किया है कि “हमारे लैब से भेजे गए कोविड-19 नमूनों का विश्लेषण करने के लिए आईसीएमआर के संबंधित अनुभाग व विभाग को निर्देशित करें” ताकि यह पता लगाया जा सके कि कहीं कोविड-19 वायरस की कोई नई किस्म तो अलीगढ़ में विकसित नहीं हो रही, जिससे बीमारी ज्यादा गंभीर हो रही है। उन्होंने आईसीएमआर से निर्देश दिए जाने की मांग इसलिए की है ताकि प्रस्तावित उपायों से महामारी के उन्मूलन के लिए उपयुक्त उपायों पर विचार किया जा सके।
विशेष प्रकार का वायरस फैलने की आशंका
वीसी ने लिखा है कि “आपके ध्यान में लाया जाना है कि 16 एएमयू शिक्षक व कई अन्य सेवानिवृत्त शिक्षक और कर्मचारी, जो विश्वविद्यालय परिसर और आस-पास के क्षेत्रों में निवास कर रहे थे, कोविड-19 से मर चुके हैं। ऐसा माना जाता है कि विश्वविद्यालय से सटे सिविल लाइंस क्षेत्र में एक विशेष प्रकार का वायरस फैल रहा है।”
सिविल लाइंस क्षेत्र में पाए जाने का संदेह
ऐसे में अलीगढ़ शहर के सिविल लाइंस क्षेत्र में पाए जाने के संदेह के मद्देनजर इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च द्वारा चयनित जवाहरलाल नेहरू मेडिकल कॉलेज के माइक्रोबायोलॉजी विभाग के कोविड प्रयोगशाला द्वारा एकत्रित कोविड नमूनों को वायरल जीनोम अनुक्रमण व आगे के परिक्षण के लिए सीएसआईआर इंस्टीट्यूट ऑफ जीनोमिक्स एंड इंटीग्रेटिव बायोलाजी, नई दिल्ली को भेजा जा रहा है।