NIA: NIA की देशभर में बड़ी कार्रवाई, टेरर फंडिंग पर शिकंजा

NIA: देशभर में NIA की अब तक की सबसे बड़ी रेड जम्मू-कश्मीर से लेकर बिहार, यूपी और दक्षिण भारत तक 22 जगहों पर एक साथ छापेमारी, क्या अब आतंकी फंडिंग का पूरा नेटवर्क टूटने वाला है, किसके घर पर हो रही है रेड, और आखिर टेरर फंडिंग की ये जड़ कितनी गहरी है, नेशनल इन्वेस्टिगेशन एजेंसी (NIA) ने टेरर फंडिंग से जुड़े मामलों में देश के कई राज्यों में एक साथ छापेमारी की।

NIA: देशभर में NIA की रेड

किन-किन जगहों पर छापे की गयी , बिहार में 8 लोकेशन, कर्नाटक 1 लोकेशन, महाराष्ट्र – 1 लोकेशन, तमिलनाडु 1 लोकेशन, उत्तर प्रदेश , 2 लोकेशन, जम्मू-कश्मीर 9 लोकेशन, NIA को इनपुट मिला था कि आतंकी संगठनों के लिए पैसों की हेराफेरी देश के अलग-अलग राज्यों से हो रही है।

हवाला, NGOs और कारोबारी चैनलों के ज़रिए पैसा आतंकी गतिविधियों तक पहुँचता था। यही नेटवर्क तलाशने के लिए छापेमारी की गई। NIA ने एक नए FIR (2025) के आधार पर टेरर फंडिंग और आतंकी गतिविधियों के खिलाफ बड़ा अभियान शुरू किया। यह FIR सीधे तौर पर उन नेटवर्क्स से जुड़ा है, जो आतंकी संगठनों को पैसों और संसाधनों से मदद पहुंचाते हैं।

जम्मू-कश्मीर पर फोकस रहा बारामूला के जंगम पट्टन क्षेत्र, कुलगाम, अनंतनाग और पुलवामा जिलों में NIA का ऑपरेशन। NIA का उद्देश्य था स्थानीय स्तर पर आतंकी गतिविधियों में शामिल संदिग्धों के नेटवर्क को तोड़ना। बिहार के कटिहार जिले के सेमापुर इलाके में तलाशी की गयी यहाँ इकबाल और रिजाबुल नामक संदिग्धों के ठिकानों पर छापा। रिजाबुल पहले से ही जेल में है, जबकि इकबाल आर्म्स एक्ट के तहत गिरफ्तार हो चुका है।

NIA को शक था की ये लोग टेरर फंडिंग चैनल का हिस्सा हैं, जांच का मकसद था, आतंकी संगठनों की फाइनेंशियल चेन को तोड़ना साथ ही हवाला, फर्जी एनजीओ और बिज़नेस चैनलों के जरिए पैसे के प्रवाह का खुलासा करना, छापों में मिले डिजिटल उपकरणों, दस्तावेज़ों और संदिग्ध खातों की पड़ताल जारी।

केंद्र सरकार ने साफ किया आतंकी नेटवर्क को कोई भी आर्थिक मदद अब नहीं मिलेगी। यह ऑपरेशन भविष्य में आतंकी हमलों की साजिशों को विफल करने का बड़ा कदम। कई मोबाइल, लैपटॉप, दस्तावेज़ और संदिग्ध खातों का रिकॉर्ड जब्त।

कुछ लोगों से पूछताछ जारी। सूत्रों के मुताबिक, अगले चरण में और बड़ी गिरफ्तारियाँ हो सकती हैं। देश के अलग-अलग राज्यों में एक साथ हुई इस रेड ने साफ कर दिया है कि NIA अब पूरे नेटवर्क को जड़ से खत्म करने के मूड में है। क्या इससे टेरर फंडिंग की पूरी चेन टूट जाएगी, या फिर सामने आएंगे नए चेहरे और नए राज़ इसका जवाब आने वाले दिनों में मिलेगा।