अमर भारती :बिहार के मुख्यमंत्री और जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष नीतीश कुमार ने अपनी पार्टी के राज्यसभा सदस्य पवन वर्मा को लिखे पत्र को सार्वजनिक किए जाने पर ऐतराज जताते हुए बृस्पतिवार को कहा कि जहां जाना है वहां जाएं कोई ऐतराज नहीं। पवन वर्मा को लिखे पत्र में नीतीश से उनकी बातचीत की चर्चा है, जिसे सार्वजनिक किया गया है। नीतीश ने बृहस्पतिवार को यहां पत्रकारों से बातचीत के दौरान पवन के बारे में कहा ”जहां जाना है वहां जाएं इस पर कोई ऐतराज नहीं है लेकिन आप एक बात अच्छी तरह जान लीजिए जदयू को समझने की कोशिश करें।
कुछ लोगों के बयान से जदयू को मत देखिए।’’उन्होंने कहा, ‘‘जदयू बहुत ही दृढ़ता के साथ अपना काम करती है और कुछ चीजों पर हम लोगों का जो अपना रुख होता है वह बहुत ही साफ होता है। एक भी चीज के बारे में हमें कोई भ्रम नहीं रहता लेकिन अगर किसी के मन में कोई बात है तो आकर विमर्श करना और बातचीत करनी चाहिए। उसके लिए अगर जरूरी समझें तो पार्टी की बैठक में चर्चा करनी चाहिए। लेकिन इस तरह का व्यक्तव्य देना आप खुद देख लीजिए आश्चर्य की बात है कि आप किस तरह का व्यक्तव्य दे रहे हैं कि हमसे क्या बात करते थे।
अब हम कहेंगे कि हमसे क्या बात करते थे। यह कोई तरीका है। इन बातों को छोड़ दीजिए मुझे फिर भी सम्मान है और इज्जत है लेकिन उनको जहां अच्छा लगे जाएं। मेरी शुभकामना है।’’पवन ने नीतीश को लिखे दो पृष्ठों के अपने पत्र को टि्वटर पर साझा करते हुए बुधवार को कहा कि उक्त पत्र के माध्यम से उन्होंने पूछा है कि विभाजनकारी सीएए-एनपीआर-एनआरसी के खिलाफ बड़े पैमाने पर राष्ट्रव्यापी आक्रोश के बावजूद जदयू ने दिल्ली चुनाव के लिए भाजपा के साथ कैसे गठबंधन किया।