पटना. बिहार में सीएम नीतीश की नेतृत्व एनडीए सरकार की गठन हो चुकी है. सोमवार को राज्यपाल फागू चौहान के समक्ष नीतीश कुमार समेत सभी 15 मंत्रियों ने शपथ ग्रहण की है, जिसके बाद मंगलवार कैबिनेट की बैठक के बाद सभी नए मंत्रियों को जिम्मेदारी सौंप दी गई है.
इस बार जेडीयू कोटे से 5 मंत्री बनाए गए हैं जिनमें से एक मुंगेर के तारापुर विधानसभा क्षेत्र के विधायक मेवालाल चौधरी भी है.
तारापुर विधायक मेवालाल चौधरी को शिक्षा विभाग की जिममेदारी सौंपी गई है. हालांकि, कभी पार्टी से निष्कासित किए गए नियुक्ति घोटाले में आरोपित मेवालाल चौधरी को कैबिनेट में जगह देकर नीतीश कुमार फंस गए हैं.
आरजेडी ने करप्शन के चार्जेज में आरोपित नेता को मंत्री बनाए जाने को लेकर नीतीश कुमार पर निशाना साधा है.
आरजेडी ने ट्वीट कर कहा कि एक जिला और एक जात को नौकरी देने वाले भ्रष्ट आदमी को नीतीश कुमार ने मंत्री बनाया है ताकि उससे फिर वही कांड करवा सके. नीतीश कुमार जी, इतना भी कोई बेशर्म होता है? नीतीश कुमार की नौटंकी देखिए.
तेजस्वी जी पर फर्ज़ी केस करवा कर इस्तीफा माँग रहे थे और यहाँ खुद एक भ्रष्टाचारी मेवालाल को मंत्री बना रहे हैं. कर्म की मार से बच नहीं पाओगे कुर्सी कुमार जी.
आरजेडी ने ट्वीट कर लिखा कि जिस भ्रष्टाचारी जेडीयू विधायक को सुशील मोदी जी खोज रहे थे उसे भ्रष्टाचार के भीष्म पितामह नीतीश कुमार ने मंत्री पद से नवाजा.
यही है 60 घोटालों के संरक्षणकर्ता नीतीश कुमार का दोहरा चरित्र. यह आदमी कुर्सी के लिए किसी भी निम्नतम स्तर तक गिर सकता है.
बता दें कि मेवालाल चौधरी नीतीश कुमार के करीबी माने जाते हैं. 2010 में जब उनको जब कृषि विश्वविद्यालय, सबौर का कुलपति बनाया गया तो उनकी पत्नी नीता चौधरी जेडीयू से विधायक बनीं.
लेकिन जब नियोजन घोटाले में उनका नाम आया और विपक्ष में रहे सुशील मोदी ने जब सदन में यह मुद्दा उठाया तो नीतीश कुमार को मेवालाल चौधरी को पार्टी से निष्कासित करना पड़ा.
हालांकि, जेडीयू ने 2015 में फिर उन्हें टिकट दिया, जिसके बाद वे तारापुर ने विधायक निर्वाचित हुए.