
नई दिल्ली। कोरोना वायरस की दूसरी लहर पूरे देश के मुसीबत बनी हुई है। उसे देखकर टीकाकरण ही एकमात्र उपाय नजर आता है। लेकिन जागरूकता की कमी के कारण कई लोग इसे लेने से अभी भी हिचकिचा रहे है। ऐसा ही हाल छत्तीसगढ़ में है।
अनोखी चेतावनी दी
जिसके चलते एक जिले में आदिवासी कल्याण विभाग के एक अधिकारी के द्वारा आदेश जारी किया गया है। जिसमें सभी स्टाफ सदस्यों को टीकाकरण करवाने को कहा है। इसके साथ ही एक अनोखी चेतावनी भी दे डाली है।

अगले महीने की तंख्वाह रोकी जाएगी
गौरेला-पेंड्रा-मरवाही जिले में सहायक आयुक्त के एस मसराम ने अपने स्टाफ से कहा कि अगर ऐसा नही किया तो उनका अगले महीने का वेतन रोक दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि अगर वे टीकाकरण कार्ड नहीं दिखाते तो उनकी अगले महीने की तंख्वाह रोक दी जाएगी।
लोगों ने इसे तानाशाही बताया
कुछ लोगों ने इसे तानाशाही बताई। वहीं कई लोगों का कहना है कि उन्हें स्लॉट ही नहीं मिल रहे तो कैसे वैक्सीन लें।
हमारा इरादा कर्मचारियों को टीका लगवाना
मसराम ने बुधवार को बताया कि उनका उद्देश्य कोविड-19 के खिलाफ अधिकारियों और कर्मचारियों का शत-प्रतिशत टीकाकरण सुनिश्चित करना है। उन्होंने कहा कि हम कोई वेतन नहीं रोकने वाले, हमारा इरादा बस कर्मचारियों को टीका लगवाने का था।