नई दिल्ली: वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने केंद्रीय बजट को देश को ‘आत्मनिर्भर’ बनाने की भूमिका रखने वाला बजट बताया है. सीतारमण ने लोकसभा में बजट पर हुई चर्चा का जवाब देते हुए कहा कि कोरोना वायरस महामारी की चुनौतीपूर्ण परिस्थतियां भी सरकार को सुधार के कदम उठाने से डिगा नहीं सकीं.
उन्होंने ये भी कहा कि सुधार के कदमों को उठाने का मकसद भारत को दुनिया की सबसे बड़ी अर्थव्यवस्थाओं में से एक बनाना है. इस दौरान प्रधानमंत्री मोदी सदन में रहे.
वित्त मंत्री ने कहा कि अर्थव्यवस्था में सुस्ती के मद्देनजर कई विशेषज्ञों से चर्चा के बाद यह बजट लाया गया है और इस बजट ने भारत के आत्मनिर्भर बनने की भूमिका रखी है.
कुछ दूसरे देशों में कोरोना वायरस की दूसरी लहर का प्रकोप अब भी है, लेकिन यहां प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में जिस तरह से काम हुआ और स्थिति से जिस तरह से निपटा गया है उसका नतीजा है कि अर्थव्यवस्था सतत रूप से आगे बढ़ रही है.
विपक्ष पर वित्त मंत्री सीतारमण का निशाना
लोकसभा में सीतारमण ने विपक्षी पार्टी कांग्रेस पर नाम लिए बिना निशाना साधा. उन्होंने कहा कि किसान सम्मान निधि में किसी तरह की कटौती नहीं की गई है. किसानों के लिए घड़ियाली आंसू बहाने से कुछ नहीं होगा.
सीतारमण ने कहा कि राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने भी अपने अभिभाषण में किसानों, पूंजी सृजन करने वाले उद्यमियों (वेल्थ क्रियेटर्स) की बात की. इन उद्यमियों के बिना अर्थव्यवस्था कैसे चलेगी? बार-बार सवाल खड़ा किया जा रहा है कि इस बजट में कृषि में आवंटन क्यों घटाया गया? इस बात को गलत तरह से रखा गया है.
आपको किसानों की चिंता नहीं है? इसे ठीक से नहीं समझा गया क्योंकि पीएम किसान सम्मान योजना के शुरू होने से लेकर 10.75 करोड़ किसानों के बैंक खातो में 1.15 लाख करोड़ ट्रांसफर किया गया.
उन्होंने कहा कि हमारा आकलन है कि पश्चिम बंगाल के 65 लाख किसानों को इस योजना का पैसा नहीं दिया जा सका क्योंकि राज्य सरकार की ओर से इन किसानों की सूची नहीं आई, इसलिए हम बजट आवंटन का पूरा उपयोग नहीं कर सके.