अब ड्रोन से नहीं हो सकेगी विद्युत लाइनों की निगरानी

पूर्व क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी में ड्रोन सिस्टम को प्रभावी बनाने ट्रायल तो हुआ मगर काम नहीं

जबलपुर । पूर्व क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी द्वारा सब स्टेशनों और विद्युत लाइनों की सुरक्षा तीसरी आँख (ड्रोन) कैमरे को उपयोग में लाने का निर्णय लिया गया था।

एक साल पहले सिटी सर्किल के कुछ संभागों में इसका ट्रायल किया गया था और इसकी उपयोगिता को परखा गया था। उस दौरान कंपनी अधिकारियों द्वारा यह निर्णय लिया गया था कि जल्द ही इसका उपयोग किया जाएगा। मगर कंपनी के अधिकारी बदलने के साथ ही ड्रोन पद्धति को अपनाने का सपना भी अधूरा ही रह गया।

पूर्व क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी के पूर्व एमडी नंदकुमारम के निर्देश पर इस पूरी कार्ययोजना को अंजाम दिया गया था, जिसके तहत ड्रोन सिस्टम को सबसे पहले सिटी सर्किल में उपयोग में लाया जाना था।

इसके अच्छे परिणाम आने पर जिस वक्त ड्रोन को बतौर ट्रायल कर उपयोग में लाया गया था उस वक्त करीब 1 किमी दूरी तक लाइनों पर नजर रखी गई थी और फॉल्ट की स्थिति को करीब से देखा जा सका था।

पोल पर चढऩे की समस्या का होता समाधान

बताया जाता है कि ड्रोन के उपयोग से सबसे अधिक फायदा लाइनमैनों को मिलता, जिन्हें सुधार कार्य के लिए बार-बार पोल पर चढऩे-उतरने की नौबत नहीं आती।

सुधार कार्य में उपयोग में आने वाले इंसुलेटर और छोटे उपकरण भी ड्रोन के माध्यम से आसानी से ऊपर तक पहुँचाए जा सकते हैं। इनके अलावा विद्युत लाइनों पर पतंग, धागा और अन्य लपटी हुई सामग्री को जलाने में भी इसका उपयोग किया जाना था।