लखनऊ में परमाणु ऊर्जा जागरूकता कार्यक्रम: INS मुंबई ने डॉ. शकुंतला मिश्रा राष्ट्रीय पुनर्वास विश्वविद्यालय में आयोजित किया विशेष सत्र

लखनऊ स्थित डॉ. शकुंतला मिश्रा राष्ट्रीय पुनर्वास विश्वविद्यालय में इंडियन न्यूक्लियर सोसाइटी (आईएनएस), मुंबई द्वारा परमाणु ऊर्जा जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इसका उद्देश्य राष्ट्रव्यापी स्तर पर परमाणु ऊर्जा के प्रति जागरूकता बढ़ाना और इससे जुड़ी भ्रांतियों को दूर करना था। यह विश्वविद्यालय में अपनी तरह का पहला व्यापक कार्यक्रम रहा, जिसमें लगभग 1000 विद्यार्थी और शिक्षक शामिल हुए।

कार्यक्रम की शुरुआत आईएनएस के वरिष्ठ सदस्य एवं भाभा परमाणु अनुसंधान केंद्र (BARC) से सेवानिवृत विशिष्ट वैज्ञानिक डॉ. ऋषिकेश मिश्रा के संबोधन से हुई। उन्होंने डॉ. होमी जहांगीर भाभा की दूरदर्शी सोच, भारत के थ्री-स्टेज न्यूक्लियर प्रोग्राम एवं आधुनिक विज्ञान की प्रगति पर विस्तार से चर्चा की। उन्होंने बताया कि न्यूक्लियर साइंस एवं टेक्नोलॉजी में भारत आत्मनिर्भरता की ओर तेजी से बढ़ रहा है।

इसके बाद न्यूक्लियर पावर कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया लिमिटेड (NPCIL) के पूर्व सह निदेशक एवं उत्कृष्ट वैज्ञानिक ए.के. सिन्हा ने विद्यार्थियों को सफलता के मूल मंत्र, परीक्षा प्रबंधन, टाइम मैनेजमेंट, टीम बिल्डिंग और तनाव नियंत्रण जैसे महत्वपूर्ण विषयों पर मार्गदर्शन दिया। उनके प्रेरक विचारों से छात्र अत्यधिक लाभान्वित हुए।

वर्तमान में NPCIL मुंबई में उप-महाप्रबंधक (HR-S) अमृतेश श्रीवास्तव ने परमाणु ऊर्जा के भविष्य, स्वच्छ एवं हरित ऊर्जा उत्पादन में इसकी भूमिका और रोजगार के विशाल अवसरों पर प्रकाश डाला। उन्होंने बताया कि NPCIL समय-समय पर विभिन्न पदों पर भर्ती के अवसर उपलब्ध कराता है, जिनका युवा लाभ उठा सकते हैं।

बोर्ड ऑफ रेडिएशन एंड आइसोटोप टेक्नोलॉजी (BRIT) की पूर्व वरिष्ठ वैज्ञानिक डॉ. योजना सिंह ने रेडियोफार्मास्यूटिकल्स, आइसोटोप्स, न्यूक्लियोटाइड्स, गामा चेंबर्स और औद्योगिक व चिकित्सकीय उपयोगिता पर विस्तृत जानकारी दी।

BARC के वैज्ञानिक अधिकारी/एफ विकास कुमार ने न्यूक्लियर एग्रीकल्चर, खाद्यान प्रसंस्करण और रेडिएशन तकनीक पर जानकारी साझा की। उन्होंने बताया कि कैसे बीएआरसी ने कम पानी की उपलब्धता में भी उन्नत व सुगंधित चावल की किस्में तैयार कीं, जिससे किसानों को लाभ हुआ।

लखनऊ के डॉ. राम मनोहर लोहिया अस्पताल की न्यूक्लियर मेडिसिन विभागाध्यक्ष डॉ. सत्यवती देसवाल ने कैंसर सहित विभिन्न रोगों के निदान में परमाणु ऊर्जा की उपयोगिता बताई। उन्होंने कहा कि न्यूक्लियर मेडिसिन के नए तकनीकी नवाचार भविष्य में स्वास्थ्य सेवाओं को और बेहतर बनाएंगे।

कार्यक्रम के कोऑर्डिनेटर एवं INS ट्रेजरर ओ.पी. राय ने बताया कि आईएनएस देशभर में इसी प्रकार के जागरूकता कार्यक्रम आयोजित कर रहा है, ताकि लोगों को परमाणु ऊर्जा के महत्त्वपूर्ण आयामों से अवगत कराया जा सके।

कार्यक्रम की शुरुआत में विश्वविद्यालय के डीन (एकेडेमिक्स) प्रो. वी.के. सिंह ने अतिथियों का स्वागत किया। समापन पर डीन प्रो. चंद्र कुमार दीक्षित ने INS टीम को सफल आयोजन के लिए बधाई दी।