अमर भारती : राजधानी दिल्ली के निर्माण स्थलों पर निर्माण कार्य से निकला कचरा मिलने की स्थिति पर अब से दिल्ली सरकार लोक निर्माण विभाग समेत सभी एजेंसियों के संबंधित इंजीनियर व अधिकारियों का वेतन काट सकती है। शुक्रवार को मुख्य सचिव विजय देव की अध्यक्षता में हुई बैठक में यह फैसला लिया गया है।
तो वहीं दूसरी तरफ शुक्रवार को ईपीसीए की भी बैठक हुई। इसमें सीपीसीबी टास्क फोर्स की बैठक में बृहस्पतिवार को लिए गए फैसले पर रजामंदी दिखाई गई। ईपीसीए ने इसकी जानकारी दिल्ली के साथ साथ पड़ोसी राज्यों की सरकार को भी भेज दी है।
इस मामले से जुड़े अधिकारियों का कहना है कि मुख्य सचिव ने निर्माण कार्य से जुड़ीं सभी एजेंसियों को निर्देश दिया है कि दिल्ली के सबसे खराब वायु प्रदूषण वाले 13 स्थलों पर खसा ध्यान दिया जाए। साथ ही इसकी कार्ययोजना जल्द से जल्द तैयार करने के लिए कहा है। वहीं 24 घंटे के भीतर सभी जगहों से मलबा हटाया जाए। इसके अलावा 24 घंटे तक सभी एजेसियां पेट्रोलिंग करें।
गौरतलब है कि मुख्य सचिव ने डीपीसीसी को यह आदेश दिया है कि किसी भी तरह की लापरवाही मिलने पर सरकारी व निजी एजेंसियों पर जुर्माना लगाया जाए। दूसरी तरफ ईपीसीए की बैठक में दिल्ली समेत एनसीआर के शहरों में 26 अक्तूबर की शाम छह बजे से सुबह छह बजे के बीच निर्माण गतिविधियों को बंद करने के सीपीसीबी के फैसले को ग्रैप के तहत लागू कर दिया गया है। वहीं, हॉट मिक्स प्लांट व कोयला आधारित फैक्ट्रियां भी बंद रहेंगी। इसके अलावा सभी एजेंसियों को अलर्ट कर दिया गया है।