
गोरखपुर। उत्तर प्रदेश के गोरखपुर स्थित पीएसी की 26वीं बटालियन में ट्रेनिंग ले रहीं महिला प्रशिक्षुओं का बुधवार सुबह सब्र का बांध टूट गया। कैंप की दुर्दशा और बुनियादी सुविधाओं के अभाव से नाराज होकर सैकड़ों प्रशिक्षु प्रशासनिक भवन पर जुट गईं और जमकर हंगामा किया। गुस्से में प्रशिक्षु सड़क पर बैठ गईं और फूट-फूटकर रोने लगीं।
कई प्रशिक्षुओं ने अपने माता-पिता को फोन कर बताया कि पानी मांगने पर गालियां मिलती हैं, समय पर खाना नहीं दिया जाता और शौचालय की स्थिति अत्यंत खराब है। उन्होंने आरोप लगाया कि कैंप में मूलभूत सुविधाओं का भारी अभाव है। एक दिन में मात्र 500 एमएल पानी ही मुहैया कराया जा रहा है। सुबह शौचालयों के बाहर लंबी कतारें लग जाती हैं और विरोध करने पर उन्हें अपशब्द कहे जाते हैं।
करीब 600 महिला प्रशिक्षु कैंप में मौजूद हैं जबकि सुविधा महज 300 की क्षमता के लिए है। इस भीड़भाड़ और अव्यवस्था के बीच प्रशिक्षुओं को पीने का पानी, भोजन, और आराम तक नसीब नहीं हो रहा।
इस विरोध प्रदर्शन के दौरान एक प्रशिक्षु बेहोश हो गई जिसे तत्काल एंबुलेंस से अस्पताल भेजा गया। बाद में चार और प्रशिक्षुओं को जिला अस्पताल ले जाया गया। डॉक्टरों के अनुसार पांचों को डिहाईड्रेशन और मानसिक तनाव के चलते भर्ती किया गया है।
अधिकारियों ने मौके पर पहुंचकर प्रशिक्षुओं को समझाने की कोशिश की और आश्वासन दिया कि जल्द ही समस्याओं का समाधान किया जाएगा। हालांकि, महिलाएं काफी देर तक कैंप के बाहर बैठीं रहीं और बाद में ही वे शांत होकर भीतर गईं।
गौरतलब है कि यूपी पीएसी में चयनित महिला प्रशिक्षुओं की ट्रेनिंग 21 जुलाई से विभिन्न केंद्रों पर शुरू हुई है। गोरखपुर कैंप में हुए इस घटनाक्रम ने व्यवस्था पर बड़े सवाल खड़े कर दिए हैं।