इस्लामाबाद. पाकिस्तान हिंदू काउंसिल (पीएचसी) के प्रमुख संरक्षक रमेश कुमार वांकवानी ने पाकिस्तानी प्रधानमंत्री इमरान खान की सरकार से भारतीय शहर जोधपुर में 11 पाकिस्तानी हिंदुओं की मौत के मामले को अंतर्राष्ट्रीय न्यायालय (आईसीजे) में ले जाने में मदद करने की अपील की है।
इस्लामाबाद में भारतीय उच्चायोग (आईएचसी) के बाहर दो दिन के धरने के बाद एक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए वांकवानी ने कहा, हत्याकांड को लेकर भारत के खिलाफ मैं जल्द ही आईसीजे का रुख करूंगा।
पीड़ितों के परिवारों के सदस्यों के साथ पाकिस्तान में हिंदू समुदाय ने विरोध करते हुए धरना दिया। उन्होंने भारत के दावों को खारिज कर दिया, जिसमें सामूहिक आत्महत्या करने का दावा किया गया था।
प्रदर्शनकारियों ने मामले को आईसीजे में ले जाने की मांग के साथ धरना समाप्त किया।
वांकवानी ने कहा, विरोध प्रदर्शन के दौरान, हमने भारतीय उच्चायोग को एक प्रस्ताव सौंपा जिसमें कहा गया कि भारत जोधपुर त्रासदी की निष्पक्ष और पारदर्शी जांच सुनिश्चित करने के लिए पाकिस्तान को शामिल करे।
उन्होंने कहा कि प्रस्ताव में भारत से नागरिकता संशोधन अधिनियम (सीएए) रद्द करने का भी आग्रह किया।
उन्होंने कहा, जोधपुर में 11 पाकिस्तानी हिंदुओं की हत्या ने सीएए को बेनकाब कर दिया है। यह हत्या इस सवाल को उठाती है कि क्या यह नागरिकता देने के लिए वास्तविक कार्रवाई है या लोगों को मूर्ख बनाने के लिए है।
राजस्थान राज्य के जोधपुर में 9 अगस्त को 11 पाकिस्तानी हिंदू रहस्यमय परिस्थितियों में मृत पाए गए थे।
मृतक परिवार की जीवित सदस्य श्रीमती मुखी ने भी मीडिया को संबोधित किया और आरोप लगाया कि भारतीय अधिकारियों ने उनके रिश्तेदारों को उनके परिजनों के शवों को देखने की अनुमति नहीं दी।
उन्होंने कहा, हम मांग करते हैं कि भारत इस बात का सबूत दे कि मेरे परिवार ने आत्महत्या की है। जब तक मुझे न्याय नहीं मिलता मैं विरोध करना बंद नहीं करूंगी।
वांकवानी ने यह भी कहा कि उन्होंने अयोध्या में राम मंदिर भूमि पूजन जमीनी समारोह में भाग लेने के निमंत्रण को अस्वीकार कर दिया था।