पाली में दीपावली से पहले ही सक्रिय हो गए मिलावटखोर — रंगीन मिठाइयों से बिगड़ सकती है सेहत, विभाग मौन


पाली (हरदोई), 16 अक्टूबर।दीपावली पर्व नज़दीक आते ही पाली नगर में मिलावटखोरों का कारोबार तेज़ हो गया है। बाजारों में लाल, हरी, नीली रंग की चमकीली मिठाइयाँ बड़े पैमाने पर तैयार की जा रही हैं, जिनमें मिलावटी रंग और घटिया क्वालिटी की सामग्री का इस्तेमाल खुलेआम हो रहा है। इससे त्योहार की मिठास लोगों की सेहत के लिए ज़हर बनती जा रही है।

नगर के बस स्टॉप और मेंन चौराहा (जूनियर स्कूल के पास) के आसपास दुकानों पर बिना जांच की मिठाइयाँ खुले में बेची जा रही हैं। मिठाइयों की रंगत तो आकर्षक है, पर इनमें इस्तेमाल किए जा रहे सिंथेटिक रंग और रासायनिक पदार्थ सेहत पर गंभीर असर डाल सकते हैं।

स्थानीय लोगों का कहना है कि खाद्य सुरक्षा विभाग के अधिकारी सब कुछ जानते हुए भी मौन हैं। लोगों का आरोप है कि कई दुकानदारों और अधिकारियों के बीच “महीना तय” होने की वजह से विभाग कार्रवाई से बच रहा है।

नगर के निवासी राजेश कुमार ने बताया, “हर साल दीपावली पर यही हाल होता है। मिठाइयों में रंग और खुशबू डालकर नकली मिठाइयाँ तैयार की जाती हैं। प्रशासन तभी जागता है जब कोई बड़ा हादसा हो जाता है।”

वहीं स्थानीय लोगों का कहना है कि ये रंगीन मिठाइयाँ न केवल पाचन तंत्र को प्रभावित करती हैं, बल्कि बच्चों और बुजुर्गों में त्वचा, लीवर और किडनी से जुड़ी बीमारियाँ पैदा कर सकती हैं। कई मिठाई दुकानदार दूध और खोए की जगह रासायनिक पाउडर और वनस्पति घी का उपयोग कर रहे हैं।

नगर में चर्चाओं का विषय यह भी है कि कुछ नामी दुकानों में भी बाहर से सस्ती मिठाइयाँ लाकर उन्हें ब्रांडेड पैक में बेच दिया जा रहा है। खाद्य विभाग द्वारा अब तक कोई छापेमारी नहीं की गई है, जिससे मिलावटखोरों के हौसले और बुलंद हैं।

नगरवासियों ने चेतावनी दी है कि अगर जल्द ही मिठाइयों की जांच और सैंपलिंग नहीं कराई गई, तो वे जिलाधिकारी हरदोई से इस संबंध में लिखित शिकायत करेंगे।

त्योहार के मौसम में प्रशासन की लापरवाही लोगों की सेहत पर भारी पड़ सकती है। अब देखना यह है कि दीपावली से पहले खाद्य विभाग सक्रिय होता है या फिर एक बार फिर मिलावटखोरों की ‘मीठी साज़िश’ यूं ही चलती रहेगी।