
हरदोई बिलग्राम तहसील क्षेत्र के ग्राम मदारा में पेंशन योजना को लेकर चौंकाने वाला फर्जीवाड़ा उजागर हुआ है। यहां एक पति अपनी वृद्धावस्था पेंशन ले रहा है, वहीं उसकी पत्नी उसी पति को कागज़ों में मृत घोषित कर विधवा पेंशन वसूल रही है। मुख्यमंत्री को भेजी गई शिकायत ने समाज कल्याण विभाग की लापरवाही और भ्रष्टाचार की पोल खोल दी है।
मामला ग्राम निवासी अनन्तराम पुत्र जानकी से जुड़ा है। शिकायत के अनुसार अनन्तराम स्वयं वृद्धावस्था पेंशन (रजि. नं. 313012179801) प्राप्त कर रहा है। दूसरी ओर उसकी पत्नी भगाना ने उसे कागज़ों में मृत दिखा दिया और विधवा पेंशन (रजि. नं. 313010957942) स्वीकृत करा ली। हैरानी की बात यह है कि इस धोखाधड़ी को अंजाम देने के लिए फर्जी मृत्यु प्रमाण पत्र भी तैयार किया गया। आरोप है कि इस जालसाजी में उनका पुत्र रामू भी शामिल रहा, जिसने अपने जिंदा पिता का मृत्यु प्रमाण पत्र बनवाने में भूमिका निभाई।
शिकायतकर्ता का कहना है कि इस पूरे षड्यंत्र से विभाग को वर्षों से लाखों की चपत लग रही है। पेंशन जैसी संवेदनशील योजना, जो गरीबों और जरूरतमंदों के सहारे के लिए चलाई जाती है, उसमें इस तरह का खेल होना गंभीर सवाल खड़ा करता है। आखिर विभागीय अधिकारी कैसे बिना सच्चाई जांचे पेंशन स्वीकृत करते रहे?
फर्जीवाड़े की यह कहानी अब इलाके में चर्चा का विषय बनी हुई है। ग्रामीणों का कहना है कि अगर एक ही गांव में ऐसा खुला खेल हो सकता है तो जिले भर में कितने ऐसे मामले दबे होंगे, इसका अंदाज़ा लगाया जा सकता है।
शिकायतकर्ता ने मुख्यमंत्री से मांग की है कि फर्जीवाड़े से अब तक निकली पूरी पेंशन राशि की रिकवरी कर दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाए, ताकि भविष्य में कोई भी इस योजना का दुरुपयोग करने की हिम्मत न कर सके।
इस खुलासे ने समाज कल्याण विभाग की कार्यप्रणाली पर सवालिया निशान खड़ा कर दिया है।