यूपी क़ानून मंत्री बृजेश पाठक पहुंचे लखनऊ, ख़राब सड़कों को जल्द सही करने के आदेश
लखनऊ। उत्तर प्रदेश की राजधानी में स्मार्ट सिटी योजना के तहत पड़ रही पाइप लाइन के साथ ही खराब हुई सड़को को लेकर चल रहे काम की प्रगति का निरक्षण करने उत्तर प्रदेश के कानून मंत्री बृजेश पाठक लखनऊ पहुंचे। इस दौरान उनके साथ लखनऊ के नगर आयुक्त अजय द्विवेदी भी मौजूद रहे.
निरक्षण के बाद कानून मंत्री ने काम कर रही कंपनी के लोगों को जल्द काम खत्म करने को कहा. उन्होंने कहा कि मुख्य मार्ग पर काम हो रहा है, जिसके चलते लोगो को आवागमन में रोजाना परेशानी का सामना करना पड़ता है. इसलिए इस काम में तत्परता लाई जाए और किसी भी तरह की लापरवाही को नजरअंदाज नहीं किया जाना चाहिए.
उन्होंने इस मौके पर भारतीय विषविज्ञान अनुसंधान संस्थान, मंडलायुक्त लखनऊ कार्यालय , ग्लोब पार्क, शनि मंदिर के पास की खराब सड़क पर उसे दुरुस्त करने के काम को जल्द खत्म करने के निर्देश दिए हैं.
लिहाजा मौसम मानसून का है. ऐसे में अक्सर सड़कें सरकार की पोल खोल देती हैं. चुनाव के पहले पहले सरकार किसी भी तरह से योगी सरकार की किरकिरी नहीं करवाना चाहती। इसलिए वो लगातार यूपी विकास में चल रहे कामों में तेजी लाने की बात कर रही है.
बता दें कि नवम्बर 2020 में ही स्मार्ट सिटी योजना के तहत कैसरबाग और अमीनाबाद समेत कई इलाकों की सूरत पूरी तरह बदले जाने का ऐलान किया गया था. इन इलाकों में कुल 31 रास्तों पर 25 किमी लंबाई में ट्रेंच बनाये जाने की बात कही गई थी. स्मार्ट सिटी बनाने का जिम्मा पीडब्ल्यूडी को सौंपा गया है.
ये 31 रास्ते बनेंगे स्मार्ट
सिटी स्टेशन तिराहा, अमीनाबाद के आसपास का इलाका, हुसैनगंज जंक्शन से बर्लिंगटन चौराहा, टीले वाली मस्जिद तिराहा, रेजिडेंसी तिराह से स्वास्थ्य भवन, त्रिलोक नाथ मार्ग, विश्वेश्वर नाथ रोड, रानी लक्ष्मी बाई मार्ग रोडवेज वर्कशाप, कैंट रोड, डॉ. सूजा रोड, परिवर्तन चौराहे से कैसरबाग चौराहा, सिटी स्टेशन से कैसरबाग बस अड्डा चौराहा, विक्टोरिया मेमोरियल से डीएम आवास, परिवर्तन चौक से लखनऊ यूनिवर्सिटी रोड और शाहनजफ रोड।
अफसरों के मुताबिक
पाइप लाइनें और ट्रांसफार्मर के साथ बिजली और टेलिफोन के तार और ऑप्टिकल फाइबर केबल, खुली नालियां भी भूमिगत किए जाएंगे। तारों को भूमिगत करने की अनुमानित लागत करीब 190 करोड़ रुपये बताई गई है। योजना से जुड़े अफसरों के मुताबिक, ट्रेंच बनने से बार-बार केबल बिछाने की जरूरत नहीं पड़ेगी। इससे सड़कें भी क्षतिग्रस्त नहीं होंगी।