लखनऊ. उत्तर प्रदेश में जहरीली शराब कांड मामले में आज पुलिस की छापेमारी कर रही है. इसी के साथ आज योगी सरकार ने जहरीली शराब से बीमार होने वालों को तत्काल इलाज देने की तैयारी में है। यह व्यवस्था सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों पर भी होगी। इसके लिए नए सिरे से गाइडलाइन बनाई जा रही है। इसके लिए स्वास्थ्य महानिदेशक ने 5 सदस्यीय समिति गठित की, जिसमें केजीएमयू, लोहिया संस्थान, बलरामपुर अस्पताल, सिविल अस्पताल और लोक बंधु अस्पताल के मेडिसिन विभाग के पांच विशेषज्ञ शामिल है।
केजीएमयू के फोरेंसिक मेडिसिन विभागाध्यक्ष प्रोफेसर अनूप वर्मा बताते हैं कि शराब में मिला मिथाइल अल्कोहल एक तरह का जहर है। इससे आंख, किडनी, लिवर, फेफड़े सहित अन्य अंगों के प्रभावित होने की आशंका रहती है। अगर कोई अंग प्रभावित हो गया है, तो उसे रिकवर करना संभव नहीं है।
उन्होंने आगे कहा कि जहरीली शराब पीने से बीमार होने वाले को तत्काल उपचार मिल जाए तो उसकी जान बचाई जा सकती है। साथ ही उनके विभिन्न अंगों को प्रभावित होने से बचाया जा सकता है। नई गाइडलाइन तैयार करके सीएससी स्तर पर इलाज मुहैया कराने की व्यवस्था की जाएगी।
[2:15 pm, 17/06/2021] +91 96519 11913: आदेश: हफ्ते में 3 दिन 2-2 घंटे OPD और 1 दिन सर्जरी अनिवार्य, रजिस्टर बनाकर देनी होगी रिपोर्ट
लखनऊ: बाह्य रोगी विभाग (ओपीडी) में आने वाले मरीजों को परामर्श देने के लिए डॉक्टर ही नहीं, स्वास्थ्य विभाग के उच्च अधिकारियों को भी शामिल किया जाएगा। जिसमें CMO, ACMO भी ओपीडी में हर दिन मरीजों को देखने जायेंगे.
हफ्ते में 3 दिन OPD देखना अनिवार्य
नये आदेश में उत्तर प्रदेश के सभी सीएमओ, एसीएमओ हफ्ते के 3 दिन ओपीडी में मरीजों को देखेंगे। उनके लिए दो-दो घंटे सेवा देने का नया नियम निर्धारित किया गया है। इस बारे में अपर मुख्य सचिव स्वास्थ्य ने आदेश जारी किया, उन्होंने कहा कि सप्ताह के 3 दिन सभी सीएमओ जैसे बड़े अधिकारी भी ओपीडी में मरीजों को परामर्श देंगे।
रजिस्टर बनाकर शासन को देनी होगी रिपोर्ट
ओपीडी में आने वाले सभी मरीजों का डाटा और जितने मरीजों को परामर्श दिया जाएगा, उनकी जानकारी सभी अफसर एक रजिस्टर में नोट करेंगे। जिसे निर्धारित समय पर शासन के सामने प्रस्तुत करना होगा। इतना ही नहीं सभी प्रशासनिक अफसर हफ्ते में एक दिन सर्जरी भी करेंगे।
डॉक्टरों का रात में रुकना जरुरी – CM योगी
बता दें कि इसके पहले मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा था कि सभी सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों पर डॉक्टरों का नियमित रात में रुकना सुनिश्चित किया जाएगा। किसी भी मरीज को रात में अगर चिकित्सीय सहायता की जरूरत पड़ती है तो डॉक्टर सभी सामुदायिक केंद्र पर उपस्थित रहेंगे।