नई दिल्ली। भारत में पेट्रोल-डीजल की कीमतें लगातार बढ़ रही हैं। ऐसे में लोगों के लिए अपनी वाहनों का टंकी फुल करवाना काफी महँगा प्रतीत हो रहा है। मौजूदा समय में पेट्रोल करीब 108 रूपए और डीजल 98 रूपए प्रति लीटर मिल रहा है। महँगाई के इस दौर में पेट्रोल की आसमान छूती कीमतें लोगों के लिए प्रमुख समस्याओं में से एक है। ऐसे में लोग सीएनजी और इलेक्ट्रिक वाहनों को खरीदना ज्यादा पसंद कर रहे हैं। जानकारी के अनुसार पिछले एक साल में सीएनजी और इलेक्ट्रिक वाहनों की खरीद में दोगुने से अधिक की बढ़ोतरी हुई है। एक्सपर्ट का यह भी मानना है कि आनेवाले वर्ष में इनकी संख्या बढ़नी तय है। सरकार भी इसे बढ़ावा देने के लिए काफी कोशिश कर रही है।
कितने बेहतर होंगे इलेक्ट्रिक वाहन?
इलेक्ट्रिक और डीजल-पेट्रोल के मामले में अगर देखा जाए तो इलेक्ट्रिक वाहनों की कीमत काफी ज्यादा है, जिसकी वजह से आम आदमी के लिए इसको खरीद पाना मुश्किल हो सकता है। सरकार ने इलेक्ट्रिक वाहनों को बढ़ावा देने हेतु ही बजट में ई-व्हीकल पॉलिसी लाई थी। बता दें कि सरकार ने इलेक्ट्रेनिक वाहनों की खरीद पर रोड टैक्स को भी माफ कर दिया है। मेंटेनेंस के मामले में भी इलेक्ट्रिक वाहनों पर बहुत कम खर्च आएगा। इन वाहनों की सबसे खास बात यह है कि पेट्रोल-डीजल से होने वाले प्रदूषण को घटाने में यह वाहन काफी मददगार साबित होंगे।
पिछले साल की तुलना में डिमांड में हुई बढ़ोतरी
गतवर्ष लॉकडाउन के कारण वाहनों की बिक्री में अत्यधिक गिरावट दर्ज की गई थी, हालांकी लॉकडाउन खुलने के बाद से ही इन वाहनों की बिक्री में काफी सुधार देखा गया है। पेट्रोल-डीजल के बढ़ते दामों के बीच देश में इलेक्ट्रिक वाहनों की मांग लगातार बढ़ रही है। ऐसा माना जा रहा है कि भारतीय बाजारों में इन वाहनों की डिमांड बढ़ने का प्रमुख कारण इलेक्ट्रिक वाहनों पर मिलने वाली सब्सिडी है। इसी वजह से शहर व ग्रामीण दोनों ही क्षेत्रों में इलेक्ट्रिक वाहन लोगों की प्राथमिकता बने हुए हैं।