
भाटपार रानी, देवरिया। लोक आस्था का पर्व पीड़िया शनिवार को पूरे उल्लास और पारंपरिक उत्साह के साथ मनाया गया। भोर होते ही बड़ी संख्या में युवतियां और महिलाएं लोकगीत गाती और नाचती हुई क्षेत्र के विभिन्न पोखरों व नदी तटों पर पहुंचीं। यहां विधि-विधान से पीड़िया का जल में विसर्जन किया गया। घाटों पर मेले जैसा माहौल रहा, जहां बच्चों और महिलाओं ने खूब खरीदारी की और माहौल पूरे दिन उत्सवपूर्ण बना रहा।
कस्बे के रानी पोखरे पर सुबह चार बजे से ही भारी भीड़ उमड़ने लगी। पारंपरिक वेशभूषा में सजी महिलाएं और युवतियां जहां एक ओर लोकगीतों पर झूम रही थीं, वहीं कई समूह डीजे की धुनों पर थिरकते हुए पहुंच रहे थे। भीड़ बढ़ती देख भाटपार रानी पुलिस प्रशासन अलर्ट मोड में रहा और सुरक्षा व्यवस्था की कमान पूरी तरह संभाले रखा।
क्षेत्र के चनुकी घाट पर भी मेले जैसा दृश्य रहा। यहां चाट, जलेबी, पकौड़ी, फुल्की, खिलौने और विभिन्न घरेलू सामान की दुकानों पर सुबह से ही जमकर खरीदारी होती रही। कुछ ही घंटों में लाखों रुपये की बिक्री होने का अनुमान लगाया जा रहा है। बच्चों में गुब्बारे, खिलौने और झूले का खास उत्साह देखने को मिला।
पीड़िया विसर्जन के बाद महिलाओं ने एक-दूसरे को मिठाई खिलाई और अपने व्रत का समापन किया। कई स्थानों पर समूह बनाकर महिलाएं चटोरी चीजों का आनंद लेती नजर आईं—जिनमें चाट, पकौड़ी, फुल्की और जलेबी प्रमुख रहीं।
डीजे की धुन पर नाचते-गाते हुए पीड़िया लेकर पहुंचने वाले महिलाओं-युवतियों के जत्थों के लिए पुलिस ने यातायात और सुरक्षा के विशेष इंतजाम किए थे, जिससे पूरा कार्यक्रम शांति और आनंद के साथ सम्पन्न हुआ।
पर्व के दौरान पूरे इलाके में लोक-आस्था, सांस्कृतिक रंग और उत्साह का मनमोहक संगम देखने को मिला।