भक्ति का दरबार, श्रद्धा का उत्सव: मदीने शाह में बालाजी महाराज का भव्य आयोजन

पीलीभीत। धर्म और आस्था की भूमि पर शनिवार देर रात मदीने शाह मोहल्ले में श्री बालाजी महाराज का भव्य दरबार आयोजित हुआ, जिसने श्रद्धालुओं को भावविभोर कर दिया। महंत सेवक विशाल के नेतृत्व में आयोजित इस दरबार में हजारों भक्त बालाजी महाराज के गुणगान में डूब गए। दरबार स्थल पर गूंजते जयकारों ने माहौल को पूरी तरह आध्यात्मिक बना दिया।

भक्ति का सागर उमड़ा
“तेरा दर मिला जो बाबा दरबार आ गया मैं” के भजनों की स्वर लहरियों ने श्रद्धालुओं को भावनाओं में डुबो दिया। कुछ भक्तों के नेत्रों में आंसू छलक आए, तो कोई भावविभोर होकर नाच उठा। महंत सेवक विशाल ने श्री बालाजी महाराज की आरती कर भक्ति के मार्ग पर चलने का संदेश दिया।

आस्था और प्रेम का प्रतीक
यह दरबार केवल धार्मिक आयोजन नहीं था, बल्कि भारतीय संस्कृति में समाहित भक्ति, प्रेम और समर्पण का जीवंत उदाहरण रहा। सभी वर्ग के लोगों ने एक साथ बैठकर आराधना की, जिससे सामाजिक एकता और समरसता का भाव मजबूत हुआ। देर रात तक गूंजते रहे “जय श्री बालाजी महाराज की” के जयघोष ने श्रद्धा और उत्साह का संदेश फैलाया।

आत्मिक शांति का केंद्र
महंत सेवक विशाल ने कहा कि यह दरबार केवल पूजा का स्थल नहीं, बल्कि आत्मिक शांति और मानसिक संतुलन का केंद्र बन चुका है। यहां आने वाले श्रद्धालु अपनी समस्याओं का समाधान और जीवन को सकारात्मक दृष्टि से देखने की प्रेरणा प्राप्त करते हैं।

भक्ति में सच्ची शांति का संदेश
महंत ने कहा, “भक्ति केवल पूजा-पाठ नहीं, बल्कि अपने अहंकार का विसर्जन और ईश्वर में पूर्ण समर्पण है। आज के भौतिक जीवन में भक्ति ही वह मार्ग है जो भीतर की शांति प्रदान करता है।”

समाज को जोड़ने का माध्यम
भक्तों ने बताया कि ऐसे आयोजन समाज में सकारात्मकता बढ़ाते हैं और भक्ति के माध्यम से व्यक्ति अपनी आंतरिक शक्ति को पहचान पाता है। महंत सेवक विशाल के मार्गदर्शन में यह दरबार अब पीलीभीत और आसपास के जनपदों के भक्तों के लिए भी आस्था का प्रमुख केंद्र बन गया है।

समापन और प्रसाद वितरण
कार्यक्रम का समापन श्री बालाजी महाराज की महाआरती और प्रसाद वितरण के साथ हुआ। भक्तों ने प्रसाद ग्रहण कर मन में भक्ति एवं शांति का भाव लेकर घर लौटे।