पीलीभीत । अमर भारती ब्यूरो ।। उत्तर प्रदेश में 2022 के होने वाले विधानसभा चुनाव को लेकर समाजवादी पार्टी के लिए मजबूत गढ़ माना जाने वाला यूपी का पीलीभीत जिला अब समाजवादी पार्टी की गुटबाजी को लेकर खासा चर्चा में देखने को मिल रहा है । उसी के चलते पीलीभीत के मरौरी ब्लाक से ब्लॉक प्रमुख पूर्व राज्यमंत्री हेमराज वर्मा के भाई अरुण वर्मा ने अपनी ही पार्टी के वरिष्ठ नेता भीष्म पितामह कहे जाने वाले पूर्व कैबिनेट मंत्री व अल्पसंख्यक मोर्चा के प्रदेश अध्यक्ष हाजी रियाज अहमद के सापेक्ष उनके विरूद्ध विधानसभा चुनाव में राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव से विधानसभा सीट के लिए टिकट की मांग करते हुए दावेदारी के लिए ताल ठोंक दी है।
जिसके बाद से दो 2017 के चुनाव के नतीजे आने के बाद दो बार संगठन से लेकर सपा के गुटों में बिखरी समाजवादी पार्टी के नेताओ में खलबली मच गई है। तो वहीं संगठन की रीढ़ कहे जाने वाले पार्टी के जिलाध्यक्ष के नियुक्ति की घोषणा अब तक हाई कमान से न होने पर पार्टी की गुटबाजी के बीच पूर्व दिनों में कोरोना काल के समय मे पूर्व मंत्री पर जिला प्रशासन द्वारा लगातार एक के बाद एक हुई एफआईआर के बाद पूर्व मंत्री ने अपने ब्लाक प्रमुख भाई के साथ कंधे से कंधा मिलाकर प्रेस वार्ता कर अकेले ही अपनी बात को प्रेस के माध्यम से रखते हुए आज ब्लॉक प्रमुख में अपनी ही पार्टी के नेता के खिलाफ ताल ठोंक दी है।
फिलहाल पूर्व कैबिनेट मंत्री का मामले पर कहना है कि ये उनके राष्ट्रीय नेतृत्व में बैठे नेताओ पर निर्भर करता है कि वे जिसे अपना दावेदार प्रत्याशी मानते हुए टिकट देंगे पूरी पार्टी पुरजोर तरीके से पार्टी के प्रत्याशी को चुनाव लड़वाकर विजयी बनाएंगे । और रही बात मेरे विरूद्ध चुनाव लड़ने की तो आवदेन के लिए नए युवाओं को आगे आना चाहिए आवेंदन के लिए किसी को कोई रोक या बंधन नहीं है । ब्लाक प्रमुख की प्रेस वार्ता में युवजन सभा के जिलाध्यक्ष हरीश गंगवार, ठाकुर धर्मेंद्र सिंह भदौरिया, अखिलेश वर्मा, प्रेम पाल, राजू लोधी, सहित तमाम सपा कार्यकर्ता मौजूद रहे ।