प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि पिछले कुछ समय से एक अलग ही ट्रेंड देश में देखने को मिल रहा है. पहले अगर सरकार का कोई फैसला पसंद नहीं आता था तो विरोध होता था, लेकिन अब विरोध का आधार फैसला नहीं बल्कि भ्रम फैलाया जाता है. दुष्प्रचार किया जाता है कि फैसला तो ठीक है लेकिन इससे आगे चलकर ऐसा हो सकता है. जो अभी हुआ ही नहीं, जो कभी होगा ही नहीं, उसको लेकर समाज में भ्रम फैलाया जाता है. ये वही लोग हैं जिन्होंने दशकों तक किसानों के साथ लगातार छल किया है.
पीएम मोदी ने कहा कि किसान को आधुनिक सुविधाएं देना, छोटे किसानों को संगठित करके उन्हें ताकतवर बनाना और किसानों को मजबूत करने का प्रयास किए जा रहे हैं. फसल बीमा हो या सिंचाई, बीज हो या बाजार, हर स्तर पर काम किया गया है. किसान हित में किए गए कृषि सुधार ऐसे ही विकल्प किसान को देते हैं. अगर किसान को कोई ऐसा ही खरीदार मिल जाए जो सीधा खेत से फसल उठाए तो क्या किसान को अपनी उपज उसे बेचने की आजादी मिलनी चाहिए कि नहीं.
किसान को भरोसा दिलाते हुए पीएम नरेंद्र मोदी ने कहा कि भारत के कृषि उत्पाद पूरी दुनिया में मशहूर हैं. क्या किसान की इस बड़े मार्केट और ज्यादा दाम तक पहुंच नहीं होनी चाहिए? मोदी ने कहा कि नए कृषि कानून किसानों के लिए विकल्प, पुराने में कोई बदलाव नहीं. अगर कोई पुराने सिस्टम से लेनदेन को उचित समझता है तो इस कानून में कोई रोक नहीं लगाई गई है. नए कृषि सुधारों से नई विकल्प और नए कानूनी और संरक्षण दिए गए हैं. किसानों को नाम पर पहले की सरकारों ने छल किया है. यूरिया खेत से ज्यादा कालाबाजारियों के पास पहुंच जाता था.
उन्होंने कहा कि पहले मंडी के बाहर हुए लेनदेन ही गैरकानूनी थे. ऐसे में छोटे किसानों के साथ धोखा होता था, विवाद होता था. अब छोटा किसान भी मंडी से बाहर हुए हर सौदे को लेकर कानूनी कार्यवाही कर सकता है. किसान को अब नए विकल्प भी मिले हैं और धोखे से कानूनी संरक्षण भी मिला है. सरकारें नीतियां बनाती हैं, कानून-कायदे बनाती हैं. नीतियों और कानूनों को समर्थन भी मिलता है तो कुछ सवाल भी स्वभाविक ही है. ये लोकतंत्र का हिस्सा है और भारत में ये जीवंत परंपरा रही है.
पीएम मोदी कहा कि पहले वोट के लिए वादा और फिर छल. यही लंबे समय तक देश में चलता रहा है, जब इतिहास छल का रहा हो तब दो बातें काफी स्वाभाविक है, पहली ये किसान अगर सरकार की बातों से आशंकित रहता है तो इसके पीछे दशकों तक का लंबा छल का इतिहास है. पीएम ने कहा कि जिन्होंने वादे तोड़े, छल किया, उनके लिए ये झूठ फैलाना एक तरह से आदत और मजबूरी बन गई है, क्योंकि उन्होंने ऐसा ही किया था. इसलिए वही फार्मूला लगाकर यही देख रहे हैं.
पीएम मोदी ने कहा कि आशंकाओं के आधार पर भ्रम फैलाने वालों की सच्चाई लगातार देश के सामने आ रही है. जब एक विषय पर इनका झूठ किसान समझ जाते हैं तो वे दूसरे विषय पर झूठ फैलाने लग जाते हैं. 24 घंटे इनका यही काम है. कृषि कानून पर जिन किसान परिवारों को कोई चिंताएं है तो उनका जवाब देने का काम भी सरकार दे रही है और उसकी कोशिश कर रही है. मुझे विश्वास है, आज जिन किसानों को कृषि सुधारों पर कुछ शंकाएं हैं, वो भी भविष्य में इन कृषि सुधारों का लाभ उठाकर, अपनी आय बढ़ाएंगे. हमारा अन्नदाता आत्मनिर्भर भारत की आगुवाई करेगा. आज जिन किसानों पर कृषि सुधारों पर कुछ शंकाएं हैं वो भी भविष्य में इन सुधारों का लाभ उठाकर अपना आय बढ़ाएंगे मेरा ये पक्का विश्वास है.