
गोरखपुर। केंद्रीय मंत्री व भाजपा के वरिष्ठ नेता पंकज चौधरी का राजनीतिक कद उस दिन और ऊंचा हो गया, जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी स्वयं उनकी माता से मिलने उनके घर पहुंचे। मौका था 7 जुलाई 2023 को गीता प्रेस के शताब्दी वर्ष समारोह का। गोरखपुर दौरे के दौरान बिना किसी पूर्व निर्धारित कार्यक्रम के प्रधानमंत्री ने समय निकालकर पंकज चौधरी के घंटाघर स्थित आवास पर पहुंचकर उनकी माता का आशीर्वाद लिया।
गोरखपुर के घंटाघर हरिवंश गली में स्थित पंकज चौधरी के घर तक रास्ता संकरा होने के कारण प्रधानमंत्री का काफिला करीब 150 मीटर पहले ही रुक गया। इसके बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, राज्यपाल आनंदीबेन पटेल और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ पैदल चलकर पंकज चौधरी के आवास पहुंचे। इस दृश्य ने वहां मौजूद लोगों को भावुक कर दिया।
पंकज चौधरी की माता उज्जवल चौधरी ने प्रधानमंत्री को सगुन स्वरूप 101 रुपये, हल्दी और अक्षत भेंट किए तथा हनुमान जी की एक मूर्ति भी प्रदान की। इसे स्वीकार करते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि वे तो यहां और अधिक समय बिताने की सोचकर आए थे, लेकिन कार्यक्रम में अधिक समय लग जाने के कारण देर हो गई।
पंकज चौधरी के पारिवारिक शुभचिंतक और हिंदी बाजार के संरक्षक पंकज गोयल ने बताया कि जैसे ही प्रधानमंत्री के घर आने की सूचना मिली, सभी हैरान रह गए। सुरक्षा और प्रोटोकॉल से जुड़े अधिकारी आनन-फानन में व्यवस्था में जुट गए। इस घटना से यह साफ झलका कि प्रधानमंत्री अपने सांसदों और पार्टी कार्यकर्ताओं का कितना सम्मान और ध्यान रखते हैं।
पंकज चौधरी का राजनीतिक सफर भी लंबा और संघर्षपूर्ण रहा है। उन्होंने वर्ष 1989 में गोरखपुर नगर निगम के पार्षद के रूप में राजनीति में कदम रखा। 1990 में भाजपा की जिला कार्यसमिति के सदस्य बने। वर्ष 1991 में 10वीं लोकसभा में महाराजगंज संसदीय सीट से सांसद चुने गए। इसके बाद 1996 और 1998 में भी लोकसभा पहुंचे।
1999 में सपा उम्मीदवार अखिलेश से हार का सामना करना पड़ा, जबकि 2004 में उन्होंने फिर जीत दर्ज की। 2009 में कांग्रेस के स्वर्गीय हर्षवर्धन से हार मिली, लेकिन 2014 से लगातार वह लोकसभा सदस्य हैं और केंद्र सरकार में महत्वपूर्ण जिम्मेदारी निभा रहे हैं।