नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी गुरुवार को को वेस्टर्न डेडीकेटेड फ्रेट कॉरिडोर के 306 किमी लंबे न्यू रेवाड़ी-न्यू मदार खंड को राष्ट्र को समर्पित करेंगे. प्रधानमंत्री कार्यालय की ओर से जारी एक बयान के मुताबिक वीडियो कांफ्रेंस के माध्यम से आयोजित एक समारोह में वह न्यू अटेली से न्यू किशनगढ़ के लिए विश्व के पहले डबल स्टैक लांग हॉल कंटेनर ट्रेन आपरेशंस(1.5 किलोमीटर लंबी कंटेनर ट्रेन) को झंडी दिखाकर रवाना भी करेंगे.
विश्व की पहली डबल स्टैक इलेक्ट्रिक रेल लाईन
प्रधानमंत्री जिन ट्रेनों को हरी झंडी दिखाएंगे वो दोनों विश्व की पहली ऐसी फ़्रेट ट्रेनें होंगी जो इलेक्ट्रिक लाईन पर चलने के बावजूद डबल स्टैक की होंगी. दरअसल पूरा वेस्टर्न डेडिकेटेड फ़्रेट कॉरिडोर इस तरह से बनाया गया है कि इस पर दादरी से लेकर जेएनपीटी मुंबई तक इलेक्ट्रिक इंजन वाली डबल स्टैक फ़्रेट ट्रेनें चल सकती हैं. जो कि विश्व की पहली ऐसी रेल लाईन है.
डेढ़ किलोमीटर लम्बी फ़्रेट ट्रेन में होंगे 232 कंटेनर
इस रेल लाईन पर 1.5 किलोमीटर लम्बी कंटेनर ट्रेनें चलेंगी. इसमें दो रेक (इंजन छोड़ कर पूरी ट्रेन)लगे होंगे. हर रेक में 58 डिब्बे (कंटेनर) होते हैं. एक के ऊपर एक डबल कंटेनर होने के कारण कुल 232 कंटेनर लगे होंगे. प्रधानमंत्री जिन दो फ़्रेट ट्रेनों को हरी झंडी दिखाएंगे वो रेवाड़ी के न्यू अटेली स्टेशन से अजमेर के न्यू किशन गढ़ स्टेशन तक जाएंगी.
ईस्टर्न डेडीकेटेड फ़्रेट कॉरीडोर का पहला सेक्शन पहले ही शुरू हो चुका है
हाल ही में प्रधानमंत्री मोदी ने ईस्टर्न डेडीकेटेड फ़्रेट कॉरीडोर के 351 किलोमीटर के एक सेक्शन का उद्घाटन किया था. इसे भाऊपुर- न्यू ख़ुर्जा सेक्शन कहते हैं. साथ ही प्रधानमंत्री ने प्रयागराज स्थित फ़्रेट कॉरीडोर के ऑपरेशन कंट्रोल सेंटर का भी लोकार्पण किया था. इसके लिए बुलंदशहर के नए बने न्यू ख़ुर्जा फ़्रेट स्टेशन से अनाज से लदी 116 डिब्बों वाली एक फ़्रेट ट्रेन को भी रवाना किया गया था.
ईस्टर्न डेडीकेटेड फ़्रेट कॉरीडोर
डेडीकेटेड फ़्रेट कॉरीडोर कॉर्पोरेशन ऑफ़ इंडिया दो डेडीकेटेड फ़्रेट कॉरीडोर बना रहा है. ईस्टर्न डीएफ़सी और वेस्टर्न डीएफ़सी. ईस्टर्न डेडीकेटेड फ़्रेट कॉरीडोर लुधियाना के साहनेवाल से पश्चिम बंगाल के दानकुनी तक बनाया जा रहा है जिसकी कुल दूरी 1856 रूट किलोमीटर होगी. इसमें सोनागढ़ से दानकुनी तक का हिस्सा पब्लिक प्राइवेट पार्टनरशिप के तहत बनेगा. ये पंजाब से शुरू होकर हरियाणा, उत्तरप्रदेश, बिहार, झारखंड से गुजरेगा और पश्चिम बंगाल तक पहुँचेगा.
वेस्टर्न डेडीकेटेड फ़्रेट कॉरीडोर
वेस्टर्न डेडीकेटेड फ़्रेट कॉरीडोर उत्तरप्रदेश के दादरी से मुंबई के जवाहर लाल नेहरू पोर्ट तक बनाया जा रहा है जिसकी कुल दूरी 1504 रूट किलोमीटर की होगी. ये उत्तरप्रदेश के नॉएडा ज़िले से शुरू हो कर हरियाणा, राजस्थान, गुजरात से गुजरते हुए महाराष्ट्र तक पहुंचेगा.
जून 2022 तक दोनों डीएफ़सी बन कर तैयार हो जाएंगे
दोनों डीएफ़सी को मिलाकर कुल 40% डीएफ़सी को मार्च 2021 तक चालू कर दिया जाएगा जबकि जून 2022 तक दोनों डीएफ़सी चालू हो जाएंगे. वेस्टर्न फ़्रेट कॉरिडोर का क़रीब 40 प्रतिशत हिस्सा राजस्थान में आता है जबकि 249 किलोमीटर का हिस्सा हरियाणा से हो कर गुजरता है. डेडिकेटेड फ़्रेट कॉरिडोर का निर्माण और संचालन डेडिकेटेड फ़्रेट कॉरिडोर कॉर्पोरेशन ऑफ़ इंडिया करती है जो कि पूरी तरह रेल मंत्रालय के अधीन है.