नैनी में जड़ में केमिकल डालने से गिरा पूजित पीपल का पेड़ — आस्था से खिलवाड़ पर लोगों में आक्रोश

प्रयागराज। नैनी क्षेत्र की श्रमिक बस्ती में रविवार तड़के एक प्राचीन और पूजित पीपल का वृक्ष जड़ समेत उखड़कर गिर गया।
यह विशाल वृक्ष वर्षों से लोगों की आस्था और परंपरा का प्रतीक था। बताया जा रहा है कि किसी ने जड़ में केमिकल डालकर पेड़ को सुखाने की कोशिश की थी, ताकि उसके आसपास बने चबूतरे पर कब्जा कर निर्माण कराया जा सके।

प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, तड़के अचानक जब पेड़ धराशायी हुआ, तो वह एक मकान की दीवार पर टिक गया, जिससे बड़ी दुर्घटना टल गई।
बस्ती के लोगों ने इसे “सोचनीय और अधार्मिक कृत्य” बताया है।

स्थानीय बुजुर्गों के अनुसार, यह पीपल का पेड़ बस्ती के शुभ कर्म, क्षौर कर्म और सामुदायिक एकजुटता का प्रतीक रहा है।
गर्मी की दोपहर में बच्चे इसकी छांव में खेलते थे और बुजुर्ग खटिया बिछाकर विश्राम करते थे।

लोगों का कहना है कि आधुनिकता और लालच की अंधी दौड़ में कुछ लोगों को यह पेड़ खटकने लगा था।
अब जबकि पेड़ गिर गया है, उन्हीं लोगों की नज़र खाली जमीन पर है।

हालांकि कुछ लोगों का मत है कि पीपल वृक्ष के दोनों ओर बने जर्जर मकान खतरा बने हुए थे, इसलिए यह हादसा किसी बड़ी त्रासदी में नहीं बदला, यह सौभाग्य की बात है।
फिलहाल स्थानीय लोगों ने वन विभाग और प्रशासन से जांच की मांग की है ताकि जिम्मेदारों पर कार्रवाई हो सके।