
प्रयागराज। नैनी की श्रमिक बस्ती में जड़ समेत उखड़ा विशालकाय पीपल का प्राचीन पेड़ आखिरकार गुरुवार को नगर निगम टीम ने क्रेन की मदद से मार्ग से हटा दिया। दीपावली से ठीक एक दिन पहले यह विशाल वृक्ष अचानक गिर गया था और बस्ती के एक जर्जर मकान की दीवार से टिककर रह गया था। सौभाग्य से इस हादसे में किसी प्रकार की जानमाल की हानि नहीं हुई।
इस घटना की जानकारी अमर भारती अखबार और उसके डिजिटल प्लेटफॉर्म पर प्रमुखता से प्रकाशित की गई थी। खबर का प्रभाव तत्काल दिखा और नगर निगम जोन-5 के मुख्य अभियंता ने स्वयं मौके पर पहुंचकर पीपल के भारी वृक्ष को क्रेन की सहायता से हटवाया।
स्थानीय निवासियों ने बताया कि पेड़ गिरने के बाद भी लोग जोखिम उठाकर उसके नीचे से आवागमन करते रहे। बस्ती के कुछ लोगों ने यह भी आरोप लगाया कि पेड़ की जड़ों में केमिकल डालकर उन्हें कमजोर किया गया था, जिससे यह प्राचीन पीपल धीरे-धीरे उखड़ गया।
यह पीपल का वृक्ष स्थानीय लोगों की आस्था का प्रतीक माना जाता था, जहां वर्षों से पूजा-अर्चना होती रही है। इसके गिरने से बस्ती में निराशा और भावनात्मक आघात का माहौल रहा।